घर में शालिग्राम रखना चाहिए या नहीं, क्या स्त्री शालिग्राम की पूजा कर सकती है, असली शालिग्राम की पहचान, शालिग्राम किस नदी में मिलते हैं, शालिग्राम कहां रखना चाहिए, क्या तुलसी के पौधे में शालिग्राम रख सकते हैं, घर में कौन सा शालिग्राम रखना चाहिए?, तुलसी शालिग्राम का विवाह क्यों होता है,

घर में शालिग्राम रखना चाहिए या नहीं

घर में शालिग्राम रखना चाहिए या नहीं

शालिग्राम को घर में रखना एवं उनकी पूजा करना बहुत ही उत्तम माना गया है। जिस घर में शालिग्राम को स्थापित किया जाता है उस घर में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है तथा घर में सभी प्रकार के ऐसो आराम मौजूद होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस प्रकार के शालिग्राम होते हैं उनमें से 24 प्रकार के शालिग्राम भगवान विष्णु के 24 अवतारों से संबंधित होते हैं। शालिग्राम भगवान विष्णु का प्रतीक होता है और ऐसा माना जाता है कि जिस घर में शालिग्राम विराजमान होते हैं उस घर के बिगड़े हुए वास्तु दोष स्वयं अपने आप ठीक हो जाते हैं। नेपाल के गंडक नदी में ओरिजिनल शालिग्राम प्राप्त होते हैं। गंडक नदी में ही शालिग्राम के पत्थर मिलते हैं जिसमें चक्र के निशान बने होते हैं। बहुत से लोगो को यह संशय होता हैं की घर में रखे जाने वाले शालिग्राम का आकार कितना बड़ा होना चाहिए। तो पुराणो में बताया गया हैं की शालिग्राम का आकार आंवले के बराबर होना चाहिए। इसके साथ ही शाली ग्राम खुरदुरा नहीं होना चाहिए, बल्कि एकदम चिकना होना चाहिए। अगर घर में शालिग्राम जी को स्थापित करना हैं तो काले रंग के शालिग्राम सबसे उत्तम माने गए हैं, जिसमें सफ़ेद रंग का चक्रनुमा रेखा बनी होनी चाहिए। शालिग्राम का पत्थर सिर्फ नेपाल में ही मिलता हैं वो भी गंडक नदी के तलहटी में। अगर किसी व्यक्ति को घर में शालिग्राम जी को स्थापित करना हैं तो ध्यान रहे की शालिग्राम का कभी भी नहीं खरीदना चाहिए। जो व्यक्ति शालिग्राम को खरीदता हैं एवं बेचता हैं वो दोनों ही नर्कगामि होते हैं। अगर कोई व्यक्ति नेपाल की यात्रा में जाता हैं तो उस व्यक्ति से निवेदन करना चाहिए की वह नेपाल में गंडक नदी से उसके लिए शालिग्राम लेकर जरूर आए।

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घर में शालिग्राम की स्थापना और आवाहन नहीं होता हैं। इसलिए शालिग्राम को घर मे स्थापित करना एकदम सहज होता हैं। घर मे कभी भी दो या दो से ज्यादा शालिग्राम को स्थ्पित नहीं करना चाहिए। अगर घर में दो शालिग्राम हैं तो एक शालिग्राम किसी परिचित या जरूरतमन्द को दे देना चाहिए। भगवान शिव के वरदान की वजह से तुलसी जी का अवतरण गड़क नदी के रूप मे हुआ हैं, तथा उनके केश तुलसी पौधे के रूप मे उपजे हैं। जबकि तुलसी के श्राप की वजह से भगवान विष्णु गंडक नदी मे पत्थर के रूप मे मौजूद हैं। घर मे शालिग्राम को लाने का सबसे उत्तम चार दिन ही पुराणो मे बताए गए हैं। अगर किसी को अपने घर मे शालिग्राम को स्थापित करना हैं तो उसके लिए सबसे उत्तम दिन निम्न प्रकार से हैं –

  1. पूर्णमासी : शालिग्राम को घर में लाने के लिए पूर्णमासी एक उत्तम दिन बताया गया हैं। इस दिन घर मे शालिग्राम को लाने से घर के सभी दोष तुरंत ही दूर हो जाते हैं। और शालिग्राम का सकरत्मक प्रभाव बहुत तेजी से घर के वातावरण को शुद्ध करता हैं।
  2. एकादशी : शालिग्राम को घर लाने के लिए सबसे उत्तम दिन एकादशी हैं, इस दिन शालिग्राम को घर लाने से घर के सभी रोग दोष दूर हो जाते हैं।
  3. गुरुवार : गुरुवार के दिन भी शालिग्राम को घर मे स्थापित किया जा सकता हैं। यह दिन भी शालिग्राम को घर लाने के लिए बहुत ही शुभ माना गया हैं। इस दिन घर में शालिग्राम लाने से घर मे कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती हैं।
  4. सोमवार : सोमवार के दिन भी शालिग्राम को घर में लाया जा सकता हैं। सोमवार के दिन घर मे शालिग्राम लाने से उस घर की नकरत्मक ऊर्जा के साथ ही घर के सदस्यो को लंबी उम्र का आशीष प्राप्त होता हैं।
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क्या स्त्री शालिग्राम की पूजा कर सकती है?

वैसे तो शालिग्राम की पूजा पुरुष ही करते हैं लेकिन अगर घर में पुरुष नहीं हैं तब ऐसी स्थिति मे महिलाएं भी शालिग्राम की पूजा कर सकती हैं। लेकिन भगवान शालिग्राम उनही की पूजा को स्वीकारते हैं जिंका मन शुद्ध होता हैं।

क्या तुलसी के पौधे में शालिग्राम रख सकते हैं?

हाँ! शालिग्राम को तुलसी के पौधे के नीचे रखना बहुत अच्छा माना गया हैं। शालिग्राम को तुलसी के पौधे के नीचे रखने से घर में सुख समृद्धि आती हैं।

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