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2023 में होली कब हैं? | 2023 me Holi kab hai

2023 में होली कब हैं? | 2023 me Holi kab hai

हिन्दू धर्म मे होली और दीपावली दो सबसे प्रमुख त्योहार हैं। जिसे पूरे भारत मे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की पुर्णिमा के प्रदोश काल मे  होलिका दहन मनाया जाता हैं। जबकि चैत्र महीने की पहले दिन यानि कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा के दिन होली खेली जाती हैं। अगर अँग्रेजी कलेंडर की माने तो 2023 मे होलीका दहन 07 मार्च 2023 को मंगलवार के दिन की जाएगी। ध्यान रहे होलिका दहन के लिए 07 मार्च को शाम को सिर्फ 02 घंटे 27 मिनट का ही मुहूर्त हैं जो की शाम को 06:24पीएम से प्रारम्भ होगा और रात के 08:51PM पर समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही 08 मार्च 2023 दिन बुधवार को खेली जाएगी।

  1. होलिका दहन का मुहूर्त – 07 मार्च को शाम के 06:24PM से लेकर रात 08:51PM तक दहन का मुहूर्त हैं।
  2. होली खेलने का मुहूर्त – 08 मार्च 2023 को शाम के 07:42PM तक हैं।

होली क्यो मनाते हैं? | holi kyu manate hai

होली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो इंडिया में फागुन माहीने के अंत में मनया जाता है। इस त्योहार के पहले दिन, जो “होलिका दहन” के नाम से जाना जाता है, लोग होलिका नाम की राक्षसी की मूर्ति को जलाते हैं जो बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए बनाई गई थी। दूसरे दिन, जो “रंगवाली होली” के नाम से जाना जाता है, लोग आपस में रंग और गुलाल डाल कर खेलते हैं, आपस मे मिलते हैं और तरह तरह की घर मे बनी मिठाइयाँ खाते हैं।

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होली के मान्यता के अनुसार, ये त्योहार विष्णु भक्त प्रह्लाद के बारे में है जो होलिका के दुराचारी सोच और प्रभाव से बच गया था। इस त्योहार को बुराई मे अच्छाई का प्रतीक माना जाता हैं। एक दैत्य राज था उसका नाम हिरण्यकश्यप था, वह देवताओ का विरोधी था और खुद को ही सर्वशक्तिमान मानता था, वह अपनी प्रजा पर अत्याचार करता था, तथा पूरे राज्ये मे अपने मंदिर बनवा कर स्वयं की भगवनों की तरह पूजा-पाठ करवाता था। लेकिन हिरण्यकश्यप का बेटा स्वयं भगवान विष्णु का भक्त था, जब हिरण्यकश्यप को इसके बारे मे पता चला तो उसने अपने बेटे को तरह तरह की यातनाएं दी, लेकिन प्रहलाद को कोई फर्क नहीं पड़ा। तब होलिका ने एक उपाय सुझाया की -“मुझे ब्रम्हा का वरदान हैं की मैं आग मे नहीं जलूँगी, तो मैं प्रहलाद को गोद मे लेकर एक बड़े अग्नि मे जा बैठूँगी, जिसके बाद वह विष्णु भक्त और आपका द्रोही प्रह्लाद सदा के लिए खत्म हो जाएगा, और मुझे कुछ नहीं होगा।”

होलिका की बात सुनकर हिरण्यकश्यप ने हामी-भर दी और ऐसा ही हुआ, जैसा होलिका ने कहा था। लेकिन भगवान विष्णु के माया से ब्रम्हा का वरदान विफल हो गया और होलिका जल गई लेकिन प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ। इस घटना के बाद लोग अत्याचारी के प्रतीक होलिका की प्रतिमा को प्रतिवर्ष फाल्गुन महीने के पुर्णिमा के दिन रात्रि को जलाते हैं। और अगले दिन चैत्र की प्रतिप्रदा के दिन होली खेल कर उल्लास मनाते हैं।

होली की अन्य मान्यताए

होली के साथ-साथ एक और मान्यता है कि इस दिन रंग खेलने से सभी लोग एक जैसे दिखते हैं, जैसे की जाती, धर्म, उम्र या सामाजिक स्तर पर कोई अंतर नहीं रह जाता हैं। इससे सभी के बीच समन्वय और एकजुतां का संदेश मिलता है। इसलिए होली एक ऐसा त्योहार है जो आपस में प्यार, दोस्ती और समृद्धि का संदेश देता है।

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इसके अलावा, होली का रंग और खुशियों से भरपुर माहौल सभी के मन को खुश और जागृत कर देता है। क्योंकि त्योहार में सभी एक दूसरे के साथ खेलते हैं, मुस्कुराते हैं और अच्छे समय का आनंद लेते हैं। होली का खेल ना सिर्फ मनोरंजन है, बच्चे इससे बड़े ही उल्लास के साथ मानते हैं और पूरे साल इस त्योहार का इंतेजर करते हैं।

गूगल मे पूछ जाने वाले प्रश्न

Ans- फाल्गुन महीने के बाद चैत्र का महिना आता हैं। और चैत्र महीने के पहले दिन ही होली खेली जाती हैं। होली के दिन लोग एक दूसरे को रंग और फूलो से होली खेलते हैं। शायद यह दुनिया का सबसे मजेदार त्योहार हैं, जिसका इंतेजार बच्चो को पूरे वर्ष रहता हैं।

FAQ4 : होलिका दहन कितने को है?

Ans- 2023 मे होलिका दहन 07 मार्च 2023 को दिन मंगलवार के दिन हैं। होलिका दहन शाम को 06:24Pm से लेकर 08:51PM के बीच मे किया जा सकता हैं।

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