बादशाह अकबर की किसी ने सोते समय मूंछे नोच डाली जब उन्होने देखा तो उन्हे बहुत गुस्सा आया। अकबर दरबार में आकर यह बात मंत्रियो को बताई। और उनसे पूछा कि उस मूंछ नोचने वाले को क्या सजा दी जाय।”
सभी मंत्रियो ने अलग-अलग सजा देने को कहा। किसी ने गर्दन काटने को ,तो किसी ने सूली मे चढ़ा देने को, किसी ने कहा कि जिंदा जलाने को। जिन्हे जो सजा सही लगी वही बताया।
बादशाह को मन ही मन गुस्सा आया कि इतनी छोटी गलती कि इतनी बड़ी सजा। फिर सबसे पीछे अकबर ने बीरबल से पूछा तुम बताओ बीरबल तुमने तो कोई भी सजा का सुझाव नहीं दिया”
“हुजूर, क्षमा करे , जिस गलती के लिए आप सजा का सुझाव माग रहे हैं। उसे सजा नहीं ईनाम देना चाहिए। बीरबल ने अकबर से कहा।
बादशाह थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा, तुम कहना क्या चाहते हो?”
“हुजूर,किसी भी इंसान मे इतनी ताकत नहीं हैं कि वह आप कि मुछ को हांथ भी लगा सके। अगर किसी मे इतनी हिम्मत है , तो वह हैं आप के शहजादे, उन्होने ने ही यह काम किया होगा। आप रोज उन्हे अपनी गोद मे खिलाते है ना, उसी समय खेल -खेल में आपकी मूछ नोच दी होगी। इसलिए उन्हे ईनाम के तौर पर मिठाई और खिलौने देने चाहिए”, बीरबल ने जबाब दिया।
बादशाह यह बात जान कर खूब हँसे, और मात्रियों का सर झुक गया।