जब अकबर दरबार मे अपने नवरत्नों के साथ बैठते थे तब किसी ना किसी विषय मे चर्चा हुआ ही करती थी। ऐसे ही एक रोज अकबर ने अपने नवरत्नों से पूछ लिया। कि आप सब हमे यह बताइए कि हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शहर कौन सा जिसमे पत लगा हो?
तब सभी एक-एक करके बताने लगे ” पहले ने कहा ‘सोनीपत’। दूसरे ने, पानीपत सबसे बडा पत हैं। तीसरे ने लम्बी हांकी “नहीं हुजूर, दलपत से बडा पत दूसरा नहीं हैं।
चौथे ने कहा “सबसे बडा पत तो दिल्लीपत यानी दिल्ली शहर हैं। लेकिन बीरबल चुप थे।अकबर कि नजर बीरबल पर पड़ी तो अकबर ने बीरबल से कहा। बीरबल तुम भी बताओ सबसे बड़ा पत कौन सा हैं, तुम चुप चाप क्यो बैठे हुए हो। तब बीरबल ने कहा “सबसे बडा पत हैं ‘राखपत’ और दूसरा बडा पत हैं ‘रखापत’।” अकबर को लगा यह कौन से पत का नाम बीरबल बता रहा हैं,आज से पहले तो इसका नाम नहीं सुना तब अकबर ने बीरबल से पूछा “बीरबल मैंने तो सोनीपत, पानीपत दलपत और दिल्लीपत सब पतो का नाम सुना हैं। लेकिन राखपत, रखापत तो कभी नहीं सुना अचानक यह शहर कहा से प्रकट हो गए।
बीरबल ने कहा “हुजूर राखपत का अर्थ होता हैं मैं आपकी बात रखूं और रखपत का अर्थ होता हैं आप मेरी बात को रखो। मेलजोल और प्रेमभाव जिस पत में नहीं है उस पत का क्या मतलब हैं। प्रेमभाव हैं तो जंगल में भी मंगल हैं और प्रेमभाव नहीं तो नगर भी नरक का द्वार हैं।
अकबर को बीरबल की बात बहुत पसंद आई बीरबल कि बात सुनकर वह बहुत ज्यादा खुश हुए और उन्हें बहुत सारा इनाम भी दिया।