घर में पितृ दोष के लक्षण

मेहनत करने पर भी सफलता नहीं मिल रही, पैसे पानी की तरह बह रहे हैं?

आश्विन महीने के कृष्‍ण पक्ष के समय विश्व भर के हिन्दू अपने पूर्वजो को यानि पितृ देवो को जल एवं भोग चढ़ाते हैं। अगर इसे पश्चिम सभ्यता के हिसाब से कहे तो भारत के लोग आश्विन महीने मे ancestor days मानते हैं।  यह पित्र मोक्ष या पितृ पक्ष के नाम से जाना जाता हैं। यह लगभग 16 दिन तक चलता हैं। इस समय लगभग सभी हिन्दुओ के घरों में पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध करने से पूर्वजो की आत्‍मा शांत होती हैं तथा उन्हे तृप्ति मिलती हैं। पूर्वजो की आत्मा जब तृप्त होती हैं  तो वो अपनी संतान एवं उनके संतान की सुखी और समृद्ध होने का आशीर्वाद देती है। ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष से जिनहे मुक्ति पाने का सबसे सही समय यही होता हैं। इस लेख का माध्यम से आज हम जानेंगे की पितृ दोष क्या हैं? पितृ दोष का लक्षण क्या हैं तथा पितृ दोष के निवारण क्या हैं?

पितृ दोष के कारण क्या होते हैं?

  1. पितृ दोष का मतलब हैं की आपके पितृ आपके से कुछ इच्छाए रखते थे, उनकी आपसे कुछ आशाये थी जो पूरी नहीं सकी हैं। और उनकी आत्मा अभी भी भटक रही हैं।
  2. पितृ दोष के एक कारण यह भी हैं की आप अपने धर्म कर्म से विमुख हो गए हैं।
  3. जिन लोगो के घर मे मंदिर की तोडफोड होती हैं, या फिर पीपल के पेड़ कटे गए होते हैं। उन घर के लोगो पर पितृ दोष लगता हैं।
  4. अगर किसी ने अपने पिछले जन्म अपने माता-पिता को सताया होता हैं, या फिर कोई जघन्न पाप किया होता हैं, उन लोगो को भी पितृ दोष का सामना करना पड़ता हैं।
  5. किसी के पूर्वज ने अगर कोई बुरे कर्म किए हैं, तो ऐसी स्थिति मे भी जीवित वंशजो को भी पितृ दोष का सामना करना पड़ता हैं।
  6. अगर किसी ने धोखे से भी गाय, मोर, कुत्ता और बैल की हत्या कर दी है या उन्हे बुरी तरह से सताया हैं उन्हे भी पितृ दोष का सामना करना पड़ता हैं।
  7. कुल देवी एवं कुल देवता से संबन्धित विधि-विधान का त्याग कर देना।
  8. निर्दोष नाग जो प्राणघातक न होता उस नाग की हत्या करना या करवाने से भी पितृ दोष लगता हैं। (रास्ते मे जा रहे थे, तभी नाग दिखा,और मस्ती के चक्कर मे उसे मार दिया। )
  9. पूर्वजो को भूल जाना एवं उनका अपमान करने से भी पितृ दोष लगता हैं।
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घर में पितृ दोष के लक्षण क्या हैं?

  1. अगर किसी व्यक्ति को पितृ दोष का पाप लगा हुआ हैं, उसे संतान सुख प्राप्त नहीं होता हैं। अगर संतान जन्म लेती भी है तो उसमे विकार होगा। जैसे – मंदबुद्धि होना, अपंग होना, अल्पायु होना।
  2. अगर आप खूब मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उस मेहनत की तुलना मे आपको फल नहीं मिल रहा हैं, उल्टा हानी का सामना करना पड़ता हैं तो निश्चित रूप से यह पितृ दोष का संकेत हैं।
  3. अगर घर मे लगातार कलह बना रहता हैं, रोजाना लड़ाई होती हैं, घर के लोगो मे एकता नहीं हैं, तथा परस्पर परिवार के लोग आपस मे विरोध भाव रखते हैं तो यह भी पितृ दोष का लक्षण हैं।
  4. घर मे हमेशा कोई न कोई बीमार रहता हैं, दुनिया भर का इलाज करने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिल पा रहा हैं तो यह भी पितृ दोष की तरफ संकेत करता हैं।
  5. विवाह योग्य उम्र हो जाने के बाद भी विवाह न होना, या फिर अगर विवाह हो जाए तो पति-पत्नी मे न पटना तथा अंत मे तलाक हो जाना भी पितृ दोष की तरफ ही इशारा करता हैं।
  6. जिनको पितृ दोष होता हैं, वो लगातार अपने जीवन मे धोखा खाते रहते हैं।
  7. जिनको पितृ दोष होता हैं उन्हे बार-बार दुर्घटना का शिकार भी होना पड़ सकता हैं, अगर कोई व्यक्ति बार बार दुर्घटना का शिकार हो रहा हैं तो उसे  ज्योतिषी से एक बार जरूर संपर्क करना चाहिए। यह भी पितृ दोष के संकेत हैं।
  8. कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य करने के दौरान उस कार्य मे बाधा आए, बना हुआ कार्य बिगड़ जाए, कोई भी कार्य सरलता से न हो पाये तो यह भी पितृ दोष के लक्षण हैं।
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पितृ दोष से निवारण के उपाय क्या हैं?

जिन लोगो को पितृ दोष होने की शंका हो वो लोग अपनी कुंडली को किसी ज्ञान ज्योतिषी से जरूर पढ़वाए।

  1. जिन लोगो के कुंडली मे पितृ दोष होता हैं उन्हे अपने पूर्वजो की फोटो को दक्षिण दिशा मे लगा कर रोज उन्हे माला चढ़ाना और उनका मन से स्मरण करना चाहिए।
  2. पूर्वजो के खुश होने से तथा आशीर्वाद मिलने से पितृ दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता हैं।
  3. पूर्वजो के पुण्यतिथि के दिन ब्रांहनों को अच्छे मन से भोजन कराना चाहिए तथा समय अनुसार जो क्षमता हो उस तरह का दान करना चाहिए।
  4. अगर घर के पास कहीं पर भी पीपल का पेड़ लगा हुआ हैं तो दोपहर के समय उसमे जल जरूर चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल और फूल को भी चढ़ा कर पितृ देवो को याद करना चाहिए।
  5. संध्या होते ही, प्रतिदिन दक्षिण दिशा की ओर एक दीपक जरूर जलाए।
  6. जिनको पितृ दोष लगा हुआ हैं उन लोगो को प्रयास करना चाहिए की किसी गरीब की लड़की की शादी मे क्षमता अनुसार आर्थिक और श्रम के रूप मे अपना सहयोग जरूर देना चाहिए। 

नोट यह जानकारी, पुराने पंडितो और कुछ जानकारी इंटरनेट मे मौजूद ज्योतिष शस्त्र पर आधारित वैबसाइट से ली गई हैं। इस जानकारी की ज़िम्मेदारी meriaate.in नहीं लेता हैं।

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