भगवान दत्तात्रेय, भगवान दत्तात्रेय किसके अवतार है, भगवान दत्तात्रेय की पत्नी कौन थी, भगवान दत्तात्रेय जयंती

भगवान दत्तात्रेय किसके अवतार है

भगवान दत्तात्रेय किसके अवतार है

भगवान दत्तात्रेय महर्षि अत्रि और उनकी पत्नी सती अनुसूया के पुत्र हैं। महर्षि अत्रि की गिनती सप्तर्षियों में गिनी जाती है। भगवान दत्तात्रेय भगवान विष्णु के अंश अवतार हैं। माता अनुसूया ने ब्रह्मा विष्णु और महेश को पुत्र के रूप में प्राप्त किया था।

भगवान दत्तात्रेय की कथा

भगवान दत्तात्रेय को कृपा और आशीर्वाद की मूर्ति माना जाता हैं। जो व्यक्ति भगवान दत्तात्रेय का स्मरण करता हैं भगवान उसका ख्याल रखते हैं। माघ के महीने में दत्तात्रेय जयंती को बड़े ही धूमधाम से उनके भक्त मनाते हैं।

पुराणों में एक कथा बताई गई है की ब्रह्माणी, रुद्राणी और लक्ष्मी को एक समय अपने पतिव्रत धर्म पर घमंड हो गया था। जब भगवान विष्णु को यह बात पता चली तो तब उन्होंने अपनी माया से एक लीला की रचना की जिसमे उन्होने महर्षि नारद की मदद ली।

विष्णु भक्त नारद भगवान विष्णु की इच्छा से घूमते हुये देव लोक पहुँच गए, और एक एक करके तीनों देवियो से मुलाक़ात करी। और त्रिदेवियो से मुलाक़ात करके उन्होने महर्षि अत्री की पत्नी सती अनुसूइया के सतीत्व और पतिव्रत धर्म की तारीफ की और तीनों देवियो को महर्षि नारद ने कहा की सती अनुसूइया के सामने आप सभी का सतीत्व और पतिव्रत शून्य हैं।

नारद जी की बात सुन कर त्रिदेवियों को सती अनुसूइया से ईर्षा होने लगी और इसलिए तीनों त्रिदेवियाँ अपने-अपने पतियों (ब्रम्हा, विष्णु और महेश) के पास गई और नारद के द्वारा बताई सभी बात उन्होने त्रिदेवो से काही, और त्रिदेवो को विवश किया की वो अनुसूइया के पतिव्रत की परीक्षा ले और नारद की बांतों को झूठा साबित करे। त्रिदेवो ने अपनी-अपनी पत्नियों को समझाया परंतु देवियो के हठ  के सामने त्रिदेवो को हार माननी पड़ी और अंत मे त्रिदेवो ने सती अनुसूइया की परीक्षा लेने का निर्णय लिया।

See also  मेहनत करने पर भी सफलता नहीं मिल रही, पैसे पानी की तरह बह रहे हैं?

ब्रम्हा, विष्णु और महेश  तीनों त्रिदेवो ने साधू का रूप धरण करके अत्री ऋषि के आश्रम पहुंचे, उस समय ऋषि अत्री अपने आश्रम मे नहीं थे। इसलिए साधुओ को आश्रम मे आया देख माता अनुसूइया ने उन साधुओ को प्रणाम किया और उनका स्वागत सत्कार किया। लेकिन साधू बने त्रिदेवो ने माता अनुसूइया के द्वारा किए गए स्वागत को स्वीकार्य नहीं किया, और कहा की – “जब तक आप हम तीनों को अपने गोद मे बैठा कर भोजन नहीं कराएंगे, जब तक हम आपके आतिथ्य को स्वीकार्य नहीं करेंगे। इसलिए अगर आप हमारा स्वागत और आतिथ्य करना चाहती हैं तो हमे अपने गोद मे बैठा कर भोजन कराइए।”

जब सती अनुसूइया जी ने यह सुना तो वह चकित रह गई, लेकिन जल्दी ही उन्हे चेतना आई और उन्हे लगा की अगर साधुओ की इच्छा पूरी नहीं हुई तो आतिथ्य धर्म का आज पाटन हो जाएगा। इसलिए उन्होने भगवान विष्णु और अपने पति का ध्यान किया। और विधाता से प्रार्थना की कि अगर उनका पतिव्रत सच्चा हैं तो इसी समय ये तीनों साधू 6 माह के बालक के रूप मे बादल जाए और जैसे ही उन्होने यह स्मरण किया वैसे ही तीनों साधू छह माह के बालक के रूप मे हो गए। और तीनों देव छह माह के बालक के रूप मे रोने लगे।

इसके बाद माता अनुसूइया ने तीनों बालको को गोद मे लिया और अपना स्तनपान कराया। और इसके बाद उन तीनों बालको को एक पालने मे रख कर झूला झूलने लगी। धीरे धीरे अपनी संतान कि तरह उनकी संतान कि तरह उनकी सेवा करने लगी। धीरे धीरे समय व्यतीत होने लगा, जब काफी समय हो जाने पर भी त्रिदेव  अपने देवलोक नहीं पहुंचे, तब तीनों देवियो को चिंता सताने लगी। इसलिए उन्होने नारद को त्रिदेव कि खबर लेने के लिए भेजा, नारद जी ने लौटकार देवियो को सती अनुसूइया के द्वारा त्रिदेवो को बालक के रूप मे बदल देने कि घटना बताई। तीनों देवियाँ तुरंत ही धरती लोक मे सती अनुसूइया के पास आ गई और उनसे प्रार्थना करने लगी कि वो उनके पतियों को मुक्त कर दे। इसके बाद सती अनुसूइया ने अपने तेज से उन तीनों बालको को फिर से त्रिदेवो के रूप में बदल दिया।

See also  आषाढ़ का महीना कब से शुरू है

इसके बाद तीनों देवो ने माता अनुसूइया को वरदान मगने के लिए कहाँ तो देवी ने उन तीनों देवो को अपने पुत्र के रूप मे मांग लिया। जिसके बाद सती अनुसूइया के गर्भ से तीनों देव ने चंद्रमा, दुर्वासा और दत्तात्रेय के रूप मे जन्म लिया। भगवान ब्रम्हा के अंश से चंद्रमा का जन्म हुआ, भगवान शिव के अंश से दुर्वासा ऋषि का जन्म हुआ और भगवान विष्णु के अंस से दत्तात्रेय का जन्म हुआ था।

FAQ : भगवान दत्तात्रेय

प्रश्न : भगवान दत्तात्रेय किसके अवतार है? उत्तर – भगवान दत्तात्रेय विष्णु के अंशावतार हैं।
प्रश्न : भगवान दत्तात्रेय के पिता कौन हैं? उत्तर – भगवान दत्तात्रेय के पिता अत्री ऋषि हैं।
प्रश्न : भगवान दत्तात्रेय की माता कौन हैं? उत्तर – भगवान दत्तात्रेय की माता सती अनुसूइया हैं।
प्रश्न : भगवान दत्तात्रेय के भाई कौन हैं? उत्तर – भगवान दत्तात्रेय के भाई चन्द्र देव और ऋषि दुर्वासा जी हैं।
प्रश्न : भगवान दत्तात्रेय के साथ चार कुत्ते क्यो दर्शाये जाते हैं? उत्तर- भगवान दत्तात्रेय के साथ दिखने वाले कुत्ते वास्तव मे वेद के प्रतीक हैं।

Keyword- भगवान दत्तात्रेय, भगवान दत्तात्रेय किसके अवतार है, भगवान दत्तात्रेय की पत्नी कौन थी, भगवान दत्तात्रेय जयंती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *