एक बार बादशाह अकबर की बेगम ने कहा आप का इतना बड़ा राज्य हैं, और आप मेरे भाई को किसी भी पद मे नहीं रख सकते हैं। जबकि उस बीरबल को अपना सबसे करीबी मंत्री बना कर रखा हैं। आखिर एसा क्यो मेरा भाई क्या उस बीरबल से कम दिमाक वाला हैं। अकबर ने कहा बेशक बेगम कहा बीरबल और कहा तुम्हारा भाई धरती आसमान का फर्क हैं। अपने भाई की बुराई सुन कर अकबर की बेगम को गुस्सा आ गया वह गुस्से से बोली तो फिर ठीक हैं, कौन कितना दिमाकदार हैं इसकी आपको परीक्षा लेनी होगी।
अकबर को तो पता हीं था की उनका साला कितना होशियार हैं। इसलिए उन्होने तुरंत हामी भर दी,
सिपाही को भेज कर बीरबल और खुसरुमिया को दरबार मे बुलाया गया। दोनों पेश हुए अकबर ने दोनों से कहा आज राज्य के आधे लोग बीरबल के घर और आधे लोग खुसरुमिया के घर दीर्घशंका के लिए जाएगे । इस प्रतियोगिता मे जो जीतेगा वह हमारा खास मंत्री होगा।
ठीक हैं? जी हुजूर बीरबल ने कहा। तो प्रतियोगिता सुरू की जाय । अब आधे लोग बीरबल के घर की तरफ आधे खुसरुमीया के घर की तरफ चल दिए , जैसे ही बीरबल के घर लोग पहूँचने लगे उन्हे रोक कर बीरबल ने कहा देखो बादशाह ने आदेश दिया है दीर्घशंका के लिए , तो आप सब दीर्घशंका आराम से कीजिए। मगर लघुशंका नहीं करेगे उसका आदेश बादशाह ने नहीं दिया हैं। अब भला येसे तो हो नहीं सकता की दीर्घशंका के समय एक बुद भी लघुशंका ना निकले ।
खुसरुमीया ने तो अपने घर मे बड़ी अच्छी बेबस्था कर रखी थी। पानी की टंकी लगवा दी घर खाली करवा दिया जिससे किसी को दिक्कत ना हो। जो लोग फुरसत हो कर जा रहे थे वो खुसरुमीया की तारीफ कर रहे थे। और जो बीरबल के इधर से आ रहे थे वो पेट पकड़े मुह बनाए हुए थे।
शाम को दोनों पक्छो के लोगो को बुला कर पूछा गया , आप लोग बताइए किसे ज्यादा आराम था । पहले खुसरुमीया के यहा जाने वाले बताए कैसी थी , वहा की बेबस्था कोई दिक्कत तो नहीं हुई सभी ने कहा नहीं हुजूर बहुत अच्छा था। कोई दिक्कत नहीं हुई, अकबर ने कहा ठीक हैं ।
अब बीरबल के यहा जाने वाले बताए कैसी थी बेबस्था सभी लोग रोने लगे कहने लगे हुजूर बीरबल जी ने तो कहाँ की आप ने दीर्घशंका के लिए कहा हैं। लघुशंका के लिए नहीं अब एसा तो नहीं हों सकता की दीर्घशंका करते समय एक बुद भी लघुशंका ना निकले । अकबर मुस्कुराए और बोले ठीक हैं, आप सब अपने – अपने घर जाए अब बीरबल और खुसरुमीया को बुलाया गया अकबर ने अपनी बेग़म को भी आदेश दिया दरबार मे आने का,
सभी के उपस्थित होने के बाद अकबर ने अपनी बेगम से कहा अब बताइए बेगम मेरे मंत्री बनने योग्य कौन हैं। बेगम कुछ ना बोल सकी , अकबर ने बीरबल की बुध्धी की तारीफ की और साबासी दी,