भारत में सबसे ज्यादा कपास की खेती कहां होती है
भारत में सबसे ज्यादा कपास की खेती गुजरात मे होती हैं, नीचे हम भारत के शीर्ष 5 कपास उत्पादक राज्य की सूची दे रहे हैं, इसके साथ साथ 2021-22 में इन राज्यो के द्वारा उत्पादन की जानकारी भी शामिल हैं-
- गुजरात: 8.52 मिलियन गांठे
- महाराष्ट्र: 7.12 मिलियन गांठे
- तेलंगाना: 6.07 मिलियन गांठे
- राजस्थान: 5.5 मिलियन गांठे
- कर्नाटक: 4.8 मिलियन गांठे
गुजरात भारत में सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है, उसके बाद महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक हैं। ये पाँच राज्य मिलकर भारत के कपास का 70% से अधिक उत्पादन करते हैं। भारत में कपास-उत्पादक क्षेत्र मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब राज्यों में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में कपास की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी की स्थिति है। भारत में उगाई जाने वाली मुख्य कपास की किस्में हैं लंबे रेशे वाली कपास, मध्यम रेशे वाली कपास और छोटे रेशे वाली कपास।
कपास भारत में किसानों के लिए एक प्रमुख नकदी फसल है। यह कृषि और वस्त्र क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। कपास उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है।
विश्व में सबसे अधिक कपास कहाँ होता हैं?
वैश्विक स्तर प सबसे अधिक कपास के खेती चाइना मे होती हैं, कपास उत्पादन में हमारा भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश हैं। नीचे हम दुनिया के शीर्ष 5 कपास उत्पादक देश की सूची दे रहे हैं, इसके साथ ही 2022 में इन देशो के द्वारा किया गया उत्पादन भी वर्णित है:
- चीन: 5.88 मिलियन मीट्रिक टन
- भारत: 6.1 मिलियन मीट्रिक टन
- संयुक्त राज्य अमेरिका: 4.1 मिलियन मीट्रिक टन
- ब्राजील: 1.9 मिलियन मीट्रिक टन
- पाकिस्तान: 1.7 मिलियन मीट्रिक टन
चीन दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है, उसके बाद भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान हैं। ये पाँच देश मिलकर दुनिया के कपास का 75% से अधिक उत्पादन करते हैं। कपास कई देशों के लिए एक प्रमुख फसल है, क्योंकि यह एक बहुमुखी फाइबर है जिसका उपयोग कपड़े, घरेलू वस्त्र और औद्योगिक उत्पादों सहित विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए किया जा सकता है। वैश्विक जनसंख्या बढ़ने और विकासशील देशों के लोगों के समृद्ध होने के साथ, कपास की मांग आने वाले वर्षों में बढ़ने की उम्मीद है।
कपास की खेती किस मिट्टी में होती है
कपास की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी काली मिट्टी है, जिसे रेगुर मिट्टी भी कहा जाता है। काली मिट्टी एक प्रकार की चिकनी मिट्टी है जो कार्बनिक पदार्थ और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। यह अच्छी तरह से सूखा हुआ भी है, जो कपास के पौधों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे पानी में बैठना पसंद नहीं करते हैं।
कपास की खेती के लिए उपयोग की जा सकने वाली अन्य प्रकार की मिट्टी में शामिल हैं:
- जलोढ़ कछारी: यह मिट्टी नदियों और धाराओं के निक्षेप से बनती है। यह उपजाऊ और अच्छी तरह से सूखा हुआ है, जो कपास की खेती के लिए एक अच्छा विकल्प है।
- दोमट मिट्टी: यह मिट्टी रेत, गाद और मिट्टी का मिश्रण है। यह भी उपजाऊ और अच्छी तरह से सूखा हुआ है, जो कपास की खेती के लिए एक अच्छा विकल्प है।
- रेतीली मिट्टी: यह मिट्टी पोषक तत्वों और कार्बनिक पदार्थों में कम है, लेकिन यह अच्छी तरह से सूखा हुआ है। कपास के पौधों को रेतीली मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन उन्हें अधिक उर्वरक और पानी की आवश्यकता होगी।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मिट्टी का प्रकार कपास की पैदावार को प्रभावित करने वाला एकमात्र कारक नहीं है। अन्य कारक, जैसे जलवायु, सिंचाई और कीट नियंत्रण, भी एक भूमिका निभाते हैं। अच्छी मिट्टी में कपास उगाने के लिए कुछ अतिरिक्त टिप्स यहां दिए गए हैं:
- कपास को धूप वाली जगह में लगाएं। कपास के पौधों को प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे की धूप की आवश्यकता होती है।
- कपास के बीज के अंकुरण के लिए मिट्टी का तापमान कम से कम 65 डिग्री फ़ारेनहाइट (18 डिग्री सेल्सियस) होना चाहिए।
- कपास के पौधों को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन उन्हें पानी में न डुबोएं। कपास के पौधों को पानी में बैठना पसंद नहीं है।
- संतुलित उर्वरक के साथ कपास के पौधों को नियमित रूप से उर्वरित करें।
- कपास के पौधों को प्रभावित करने वाले कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करें।
इतिहास में कपास के खेती का वर्णन
कपास की खेती के लिए सबसे पहले कपड़ा उत्पादन का प्रमाण 5000 ईसा पूर्व के आसपास सिंधु घाटी सभ्यता में मिलता है, जो पहले भारत का भाग था और अब अब पाकिस्तान में है। कपास भी लगभग उसी समय पेरू और मेक्सिको में उगाई गई थी।
सिंधु घाटी सभ्यता एक अत्यधिक उन्नत सभ्यता थी जो 3300 से 1300 ईसा पूर्व तक फली-फूली थी। वे अपने उन्नत सिंचाई प्रणालियों के लिए जाने जाते थे, जो उन्हें कपास की खेती के लिए ऐसे क्षेत्रों में माना जाता था जो खेती के लिया अच्छा वातावरण उपलब्ध करती थी। । उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले सूती कपड़े का उत्पादन करने के लिए परिष्कृत बुनाई तकनीकों का भी विकास किया।
सदियों के बाद कपास की खेती दुनिया के अन्य भागों में फैल गई। इसे चीन में 2000 ईसा पूर्व के आसपास और यूरोप में 500 ईसा पूर्व के आसपास पेश किया गया था। कपास की खेती 15 वीं शताब्दी में अमेरिका में पहुंची, जब इसे स्पेनियों द्वारा पेश किया गया था।
आज, कपास दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। इसे 80 से अधिक देशों में उगाया जाता है, और इसका उपयोग कपड़े, घरेलू वस्त्र और औद्योगिक उत्पादों सहित विभिन्न उत्पादों के उत्पादन में किया जाता है।
कपास की खेती के इतिहास के बारे में कुछ और तथ्य यहां दिए गए हैं:
- पहला कपास का चरखा 1793 में एली व्हिटनी द्वारा बनाया गया था। कपास का चरखा कपास को बहुत तेजी से संसाधित करना संभव बनाता था, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका में कपास उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई।
- कपास के चरखे के आविष्कार ने भी संयुक्त राज्य अमेरिका में दासता के विकास को जन्म दिया। कपास को चुनने के लिए दासों का इस्तेमाल किया जाता था, और कपास उद्योग दास व्यापार का एक प्रमुख चालक बन गया।
- कपास उद्योग में शोषण और शोषण का लंबा इतिहास रहा है। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में, अमेरिकी दक्षिण के कपास के खेतों में बाल श्रम आम था। आज, विकासशील देशों के कई कपास किसान बहुत कम मजदूरी पर काम करते हैं, और वे अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं।
अपने इतिहास के बावजूद, कपास अभी भी एक मूल्यवान फसल है। यह एक बहुमुखी फाइबर है जिसका उपयोग विभिन्न उत्पादों के निर्माण के लिए किया जा सकता है। जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती है, कपास की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
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