आजादी से पहले भारत का नाम क्या था?
आजादी से पहले भारत का नाम “भारत” ही था। लेकिन वामपंथी और संस्कृति विरोधी हमेशा भारत के प्राचीन इतिहास को झुठलाने की कोशिस करते रहते हैं। भारत यह नाम प्राचीन काल से ही प्रचलित था। भारत शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है, जो कि एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है। ऋग्वेद में भारत शब्द का प्रयोग एक जनजाति के नाम के रूप में किया गया है। बाद में यह शब्द पूरे भारत के लिए प्रयोग में आने लगा।
आजादी से पहले भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। उस समय भारत को ब्रिटिश भारत कहा जाता था। ब्रिटिश भारत में कई रियासतें थीं, जिनके राजा थे। इन रियासतों को या तो भारत या पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था। 15 अगस्त, 1947 को भारत और पाकिस्तान स्वतंत्र हुए। स्वतंत्रता के बाद भारत का आधिकारिक नाम अँग्रेजी में इंडिया और हिन्दी में भारत गणराज्य रखा गया।
भारत के अन्य नामों में जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, हिंद, और हिंदुस्तान शामिल हैं। इन नामों का भी अपना इतिहास है।
भारत के कुल कितने नाम हैं?
भारत के कुल 9 नाम हैं। ये हैं:
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- भारत
- जम्बूद्वीप
- भारतखण्ड
- हिमवर्ष
- अजनाभवर्ष
- भारतवर्ष
- आर्यावर्त
- हिंद
- हिंदुस्तान
इनमें से भारत, जम्बूद्वीप, और आर्यावर्त सबसे प्राचीन नाम हैं। इन नामों का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मिलता है। हिंद और हिंदुस्तान नाम अरब और तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा दिए गए थे। भारतवर्ष नाम का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है। यह नाम भारत के एक प्राचीन राजा भारत के नाम पर रखा गया है। आजकल भारत को भारत गणराज्य के नाम से जाना जाता है। यह भारत का आधिकारिक नाम है।
भारत का नाम इंडिया कैसे पड़ा
भारत का नाम इंडिया पड़ने के पीछे कई कारण बताए जाते हैं। सबसे आम मान्यता यह है कि भारत का नाम सिंधु नदी के नाम पर पड़ा है। सिंधु नदी को प्राचीन काल में सिंधु या हिन्दू कहा जाता था। अरब और तुर्क या फारसी व्यापारी जब भारत आते थे, तो वे सिंधु नदी को हिन्द कहते थे। बाद में उन्होंने पूरे भारत को हिन्द या हिन्दुस्तान कहना शुरू कर दिया। अंग्रेजों ने भारत को इंडिया नाम दिया, जो हिन्दू का ही अपभ्रंश है।
एक अन्य मान्यता यह है कि भारत का नाम भारत नामक एक प्राचीन राजा के नाम पर पड़ा है। महाभारत में भारत के एक राजा का वर्णन मिलता है, जो एक महान योद्धा थे। उनके नाम पर ही पूरे भारत को भारत कहा जाने लगा। आजकल भारत को भारत और इंडिया दोनों नामों से जाना जाता है। भारत का आधिकारिक नाम भारत गणराज्य है।
भारत का सबसे शक्तिशाली राजा कौन था
भारत के इतिहास में कई शक्तिशाली राजा हुए हैं, लेकिन उनमें से सबसे शक्तिशाली सम्राट अशोक को माना जाता है। अशोक का जन्म 304 ईसा पूर्व में हुआ था और उन्होंने 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक शासन किया। उनके साम्राज्य का विस्तार अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक था। अशोक एक कुशल योद्धा और एक दूरदर्शी शासक थे। उन्होंने कई युद्धों में जीत हासिल की और अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने अपने साम्राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित की और बौद्ध धर्म को भी बढ़ावा दिया। अशोक के अलावा, भारत के अन्य शक्तिशाली राजाओं में शामिल हैं:
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- चंद्रगुप्त मौर्य (322-297 ईसा पूर्व)
- अशोक मौर्य (273-232 ईसा पूर्व)
- राजाराज चोल (985-1014 ईस्वी)
- महाराणा प्रताप (1540-1597 ईस्वी)
- शिवाजी महाराज (1630-1680 ईस्वी)
- महाराजा रणजीत सिंह (1780-1839 ईस्वी)
- ललितादित्य मुक्तेपीडा (724-760 ईस्वी)
- सम्राट विक्रमादित्य (4थी शताब्दी ईस्वी)
- शालिवाहन (2 शताब्दी ईस्वी)
- हरिहर और बुक्क (1336-1377 ईस्वी)
इन राजाओं को शक्तिशाली क्यों माना जाता है?
इन राजाओं को शक्तिशाली इसलिए माना जाता है क्योंकि उन्होंने अपने साम्राज्यों का विस्तार और अपने लोगों का नेतृत्व किया। उन्होंने अपनी सैन्य शक्ति, राजनीतिक कौशल और सांस्कृतिक योगदान के माध्यम से ऐसा किया।
- चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत के अधिकांश हिस्सों को एकजुट करके एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने एक मजबूत सेना का निर्माण किया और अपने साम्राज्य का विस्तार मध्य एशिया तक किया।
- अशोक मौर्य ने एक महान विजेता और धर्मप्रचारक थे। उन्होंने अपने साम्राज्य के अधिकांश हिस्सों पर विजय प्राप्त की और बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया।
- राजाराज चोल ने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की जो दक्षिण भारत से श्रीलंका तक फैला हुआ था। उन्होंने एक मजबूत सेना का निर्माण किया और दक्षिण भारत में हिंदू संस्कृति का प्रसार किया।
- महाराणा प्रताप ने मुगलों के खिलाफ एक असाधारण लड़ाई लड़ी। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय मुगलों के खिलाफ लड़ाई में बिताया और हिंदू संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक प्रतीक बन गए।
- शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने एक मजबूत सेना का निर्माण किया और मुगलों के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी। उन्होंने मराठा संस्कृति और स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया।
- महाराजा रणजीत सिंह ने सिख साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने एक मजबूत सेना का निर्माण किया और पंजाब में मुगलों और अफगानों के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी। उन्होंने सिख संस्कृति और स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया।
- ललितादित्य मुक्तेपीडा ने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की जो वर्तमान भारत, नेपाल और भूटान के हिस्सों में फैला हुआ था। उन्होंने एक मजबूत सेना का निर्माण किया और अपने साम्राज्य का विस्तार तिब्बत और चीन तक किया।
- सम्राट विक्रमादित्य ने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की जो वर्तमान भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिस्सों में फैला हुआ था। उन्हें एक महान विजेता और विद्वान माना जाता है।
- शालिवाहन ने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की जो वर्तमान भारत और पाकिस्तान के हिस्सों में फैला हुआ था। उन्होंने गुप्त साम्राज्य के विस्तार को रोक दिया और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा दिया।
- हरिहर और बुक्क ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की जो दक्षिण भारत में फैला हुआ था। उन्होंने हिंदू संस्कृति और स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया।
इन राजाओं ने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने साम्राज्यों का विस्तार और अपने लोगों का नेतृत्व करके भारत को एक शक्तिशाली और समृद्ध देश बनाया।
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