भोपाल के डरावनी जगहे – जानकार रह जाएंगे दंग

भोपाल के डरावनी जगहे – जानकार रह जाएंगे दंग

भोपाल मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत राजधानी शहर है। यह शहर अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए पूरी दूनिया में जाना जाता है। अतीत से जुड़े साक्ष्यों को देखने के लिए यहां रोजाना कई सैलानी देश-विदेश से आते हैं। आइए जानते भोपाल स्थित उन स्थानों के बारे में जो अपने भुतहा अनुभवों के लिए जाने जाते हैं।

इंदिरा गांधी अस्पताल

इंदिरा गांधी अस्पताल भोपाल की सबसे भयानक जगहों में से एक है। हालांकि, इसे शहर के सबसे लोकप्रिय और बेहतर अस्पतालों में भी गिना जाता है। यहां कई मरीजों ने अजबीगरीब घटनाओं की शिकायत की है। उनका मानना है कि यहां भूत-प्रेतों का साया मंडराता है।
यहां मरीज अस्पताल की पांचवी मंजिल पर जाने से इंकार करते हैं। जो अस्पताल का सबसे डरावान हिस्सा माना जाता है। पांचवी मंजिल पर मरीजों ने भूत-प्रेत के होने का दावा किया है।

भूत बंगला

भोपाल में शायद ही कोई ऐसा होगा जो इस भूत बंगले को न जानता हो। यह भोपाल में सबसे भयानक बंगलों में गिना जाता है। इस बंगले से जुड़े डरवाने किस्से किसी के भी होश उड़ा सकते हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि यहां भूत-प्रेतों का साया है।
यह बंगला किसी अग्रवाल परिवार का बताया जाता है, जो प्रोफेसर कॉलोनी में स्थित है। लोगों का मानना है कि यहां शाम के बाद डरवानी आवाजे सुनाई देती हैं। इसलिए इस बंगले के आसपास कोई नहीं भटकता है।

डॉओ इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स

डॉओ इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स भी भोपाल के चुनिंदा प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। माना जाता है यहां भोपाल गैस त्रासदी में शिकार बने लोगों की आत्माएं भटकती है। भोपाल गैस त्रासदी भारत में अबतक की सबसे बड़े हादसों में गिना जाता है।
जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। यह जगह पूरी तरह उजड़ चुकी है, जहां कोई अब आता जाता नहीं। इस इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के डरावने अनुभवों के कारण इसे भोपाल के चुनिंदा सबसे डरवानी जगहों में गिना जाता है।

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गुना की चर्च

हालांकि यह चर्च भोपाल का हिस्सा नहीं है लेकिन जब भी बात मध्य प्रदेश की भुतहा जगहों की होती है तो इस चर्च का नाम जरूर आता है। स्थानीय लोगों मानना है कि यहां चर्च में किसी बच्चे के रोने की आवाज़े सुनाई देती है। साथ ही कई लोगों ने यहां अजीबोगरीब घटनाओं का अनुभव किया है। जानकारों के अनुसार इस चर्च को जला दिया गया था, जिसके बाद से यह चर्च आजतक एक खंडहर रूप में पड़ी है।

शिवपुरी का किला

मध्य प्रदेश स्थित इस प्राचीन किले का निर्माण लगभग 2100 वर्ष पहले वीर खंडेराव ने करवाया था। लेकिन यह अपने इतिहास से ज्यादा कई अन्य कारणों की वजहों से ज्यादा प्रसिद्ध रहा। स्थानीय निवासियों के अनुसार खंडेराव एक मनोरंजन प्रेमी शासक थे, जिनके दराबार में रोजाना नृत्य-संगीत का आयोजन होता था।
लेकिन अब यह किला एक खंडहर में तब्दील हो चुका है जहां अब कोई नहीं रहता है। दिन के समय यह जंगली जीवों का घर बन जाता है, लेकिन शाम होते ही यहां कोई जाने की हिम्मत नहीं करता।
लोगों का मानना है कि यहां रात के समय नृत्य-संगीत की आवाजें सुनाई देती हैं, जैसे खंडेराव के समय नृत्य-संगीत का आयोजन करवाया जाता था। यहां कई अनहोनियां घट चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो कोई भी इन आयोजनों को देखता है वह जिंदा नहीं लौटाता। इसलिए यह किला भोपाल का सबसे प्रेतवाधित स्थान माना जाता है।