दोस्तों मेरा नाम राजेश है मै 25 साल का हु। मै जो आपको कहानी बताने जा रहा हु वो मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है। तो दोस्तों मै कहानी पर आता हु मेरी शादी हुये कुछ ही दिन हो गए तो हमे बड़े घर की जरुरत थी क्यूंकि मेरे छोटे भाई की शादी होने वाली थी तो हमने एक एजेंट को बोला तो उसने एक घर बताया कि वो घर मेरे परिवार के लिए बहुत सही है।
मुझे वो घर पसंद आ गया और मैंने जल्दबाजी में एडवांस भी दे दिया। और हम सब उस घर में जल्दी ही शिफ्ट हो गए। पहले दिन मेरी वाइफ कुछ सामान साफ़ कर रही थी तो अचानक उसके सामने से कोई औरत गुजरी उसने समझा माँ है लेकिन थोड़ी देर बाद ही माँ का फ़ोन आया तो उसने सोचा की माँ मेरे सामने अभी छत पर गयी है तो फ़ोन किस लिए किया होगा।
फिर उसने बिना फ़ोन उठाये छत पर चली गयी और चेक करने लगी तो वहा कोई भी नहीं था। फिर वो तुरंत नीचे आकर मम्मी को फ़ोन लगाया कि आप तो ऊपर छत पर थे और आप कहा चले गए। तो मम्मी ने कहा कि मै तो सुबह ही तुझे बताये बिना बाज़ार निकल गयी थी। ये सब सुनकर मेरी पत्नी सकते में आ गई और उसके हाथ कांपने लगे।
शाम को जब मै घर आया तो मुझे मेरी पत्नी ने सब कुछ बताया तो मैंने कहा कि ये सब तुम्हारा सिर्फ वहम है दुसरे दिन मम्मी रसोई में आलू साफ़ कर रही थी तो पीछे से किसी ने मम्मी के बालो को खीचा तो जब मम्मी ने घूमकर देखा तो वहा पर कोई नहीं था मम्मी भी बुरी तरह घबरा गयी लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया तीसरे दिन मेरी पत्नी की माँ का फ़ोन आया कि उसके पिताजी की तबीयत खराब है तो मेरा जाना नहीं हो सका तो मैंने अपनी पत्नी को स्टेशन छोड की आ गया। रात को जब अपने बेडरूम में सो रहा था तोह मुझे नींद नहीं आरही थी जब मैं उठने लगा तो मै उठ नहीं पाया जैसे किसी अदृश्य ताकत ने मुझे रोक रखा हो। फिर थोड़ी देर बाद मै उठ पाया। उस दिन अंतिम बार उस घर पर सोया।
अगले दिन मैंने घर बादल दिया, आस पास के लोगो ने बताया की इस घर मे किसी दुल्हन ने आत्महत्या कर ली थी, और कई लोगो ने रात मे उसकी आहात घर एवं आस पास देख चुके हैं, उसके प्रभाव को कम करने के लिए पूरे मोहल्ले मे मंदिर बने हुये हैं, इसलिए उसका प्रभाव अब सिर्फ घर तक ही सीमित रह गया था।