वैसे मै भूत प्रेतों में विश्वास नहीं करता हु लेकिन उस दिन जो मेरे साथ हुआ उसको देखकर मुझे इस किस्से को आपके समक्ष रखना चाहता हु।
एक रात वहा पर हम परिवार के पांच सदस्य मै , मेरी दादी , चाचा ,चाची और मेरा चचेरा भाई थे और मै सोफे पे सो रहा था और दादी से बाते कर रहा था और चाचा ,चाची और मेरा चचेरा भाई उपरी माले पर बने रूम में सो रहे थे।
रात के 10:30 बजे थे तभी मैंने अचानक देखा कि किसी ने गैलरी की बिजली बंद कर दी। जिस रूम में हम बैठे थे वो गैलरी से थोडा दूर था और मुझे वहा से गैलरी में कुछ नहीं दिख रहा था।
यह पक्का करने के लिए मैंने अपने चचेरे भाई आकाशको आवाज़ दी और दुसरी तरफ मुझे हां की आवाज़ सुनाई दी। मै चौंक गया कि वो वहा कैसे पहुच गया क्यूंकि उस गैलरी तक सिर्फ हमारे रूम से ही जाने का रास्ता है।
मैंने फिर से तेज आवाज में उसका नाम पुकारा और इस बार भी वोही आवाज़ दुगुनी तेज सुनाई दे रही थी। जब मैंने इसे बार बार सूना तो मेने बिना डरे उस अंधेरी गैलरी में जाने की सोची और यह देखकर हक्का बक्का रह गया कि वहा कोई भी मौजूद नहीं था।
अब मुझे थोडा डर लगने लगा। मै जल्दी से वहा से भागा और मेरे कमरे से होते हुए आकाश के कमरे में गया और देखा कि वो तो सो रहा था।
मैंने उसी समय उसे जगाया और गैलरी वाली घटना बताई। आकाश ने कहा कि मै तो सो रहा था और मै नीचे तो आया ही नहीं मै यह सब सुनकर डर गया कि यह सब कैसे हो गया ?? क्यूंकि कोई चोर भी हमारे कमरे में घुसे बिना उस गैलरी तक नहीं पहुच सकता।
मैंने सोचा ये सब मेरे साथ ही हुआ लेकिन अगले दिन चाचा ने बताया कि उन्हें भी कभी आवाज़े सुनाई देती है लेकिन वो ध्यान नहीं देते है। कुछ महीनो बाद उन्होंने भी वो घर बेचकर दूसरा नया घर ले लिया।