हिंदुओं के लिए धनतेरस एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है इस दिन हिंदू घर से बाहर निकल कर बाजारों से घर के लिए कीमती चीजों को खरीदते हैं। मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं और घर में वापस आकर घर में दीयों को जलाते हैं। धनतेरस के दिन से दियो को जलाना प्रारंभ किया जाता है। लेकिन दीपावली की तरह धनतेरस के दिन किसी भी संख्या में दिया नहीं जलाना चाहिए धनतेरस के दिन दिए को जलाने की संख्या हिंदू शास्त्रों में बताई गई है और उसी संख्या में ही दिए जलाने चाहिए।
धनतेरस के दिन दीपदान का भी महत्व बहुत अधिक है ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन जो व्यक्ति दीप का दान करता है उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है और उसका पूरा जीवन खुशी से मिलता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है धनतेरस के दिन दियो को जलाने के लिए और दियो का दान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं जिनका पालन जरूर करना चाहिए। धनतेरस से दीपक को जलाना प्रारंभ किया जाता है क्योंकि लगातार पांच दिनों तक घरों में जलाया जाता हैं।
आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से कि धनतेरस के दिन कितने दिए जलाने चाहिए और किन दिशाओं में दीपक को रखना चाहिए।
पहला दीपक
धनतेरस के दिन जब भी शाम को संध्या केवल घर में दिए जलाने की तैयारी होती है तो कुल 13 दीपक धनतेरस के दिन प्रज्वलित किए जाते हैं। जब घर के सभी लोग बाहर से लौटकर घर आ जाएं तब पहला दीपक घर के बाहर जहां कचरा रखा जाता है वहां पर रखे और दीपक को दक्षिण की तरफ फेर कर रख दे। दक्षिण की तरफ दीपक का मुंह करके कचरे के निकट उसे रखने से माना जाता है कि घर के लोगों की रोग का नाश हो जाता है और सदस्यों की उम्र में बढ़ोतरी होती है।
दूसरा दीपक
धनतेरस के दिन दूसरा दीपक घी का होना चाहिए और उसे पूजा घर में रखना चाहिए। इस दीपक में थोड़ा सा केसर जरूर डाल देना चाहिए यह दीपक माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जलाया जाता है।
तीसरा दीपक
घर के सदस्यों के ऊपर लगे हुए बुरी नजर को उतारने के लिए और घर के सदस्यों के बीच प्यार और सौभाग्य को बढ़ाने के लिए धनतेरस के दिन तीसरा दीपक घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है।
चौथा दीपक
धनतेरस के दिन चौथा दीपक माता तुलसी के पौधे के पास प्रज्ज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने से घर में धन और वैभव की वृद्धि होती है तथा घर में खुशहाली आती है।
पांचवा दीपक
धनतेरस के दिन पांचवा दीपक घर की छत पर रखना चाहिए इस दीपक का मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। यह पांचवा दीपक घर पर मौजूद दोष को दूर करता है और घर के चारों तरफ एक सुरक्षा घेरा बनाता है।
छठा दीपक
धनतेरस के दिन छठा दीपक बड़े ध्यान से बनाना चाहिए और इसमें सरसों का तेल इस्तेमाल करना चाहिए। इस छठे दीपक को घर के आस-पास मौजूद किसी पीपल के पेड़ के नीचे रखना चाहिए। यह छठा दीपक घर के स्वास्थ्य और पैसों से जुड़ी समस्याओं को खत्म करता है।
सातवां दीपक
धनतेरस के दिन सातवाँ दीपक घी का बनाना चाहिए और उसे घर के पास मौजूद बने हुए किसी मंदिर पर जा कर रखना चाहिए। यह दीपक सभी प्रकार के ग्रहों को शांत करता है और घर के विकास में आने वाले रुकावटों को दूर करता है।
आठवा दीपक
यह दीपक घर के रसोई घर में रखना चाहिए जोकि रसोई घर में मौजूद नकारात्मक शक्ति को दूर करके वहां पर एक नई ऊर्जा का निर्माण करता है जिससे घर के लोगों के रोग दूर होते हैं और शरीर निरोगी होकर दीर्घायु होता है।
नौवा दीपक
धनतेरस के दिन इस नौवे दीपक को घर के बाथरूम में रखा जाता है। यह दीपक घर के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित करता है जो कि घर के विकास में सहायक होते हैं।
दसवां दीपक
धनतेरस के दिन 10वे दीपक को घर में मौजूद किसी खिड़की में रखना चाहिए। यह दीपक घर के अंदर मौजूद दरिद्रता और बुरी प्रभावों को घर से बाहर निकलता है और सकारात्मकता और सौभाग्य को अंदर लाता है।
ग्यारवा दीपक
धनतेरस के दिन इस दीपक को घर में मौजूद किसी जल कुंड के पास रखना चाहिए।
बारहवाँ दीपक
धनतेरस के शाम को इस दीपक को घर में मौजूद किसी पेड़ के नीचे रखना चाहिए। यह दीपक घर के स्वामी के स्वास्थ्य की वृद्धि की कामना के लिए होता है।
तेरहवाँ दीपक
धनतेरस के दिन इस दीपक को किसी चौराहे के पास ले जाकर रखना चाहिए यह प्रेत बाधाओं को दूर करता है बुरी हवाओं को घर से दूर करता है।
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