धनतेरस के दिन करे ये काम, स्वास्थ और धन दोनों मे सुधार होगा

धनतेरस के दिन करे ये काम, स्वास्थ और धन दोनों मे सुधार होगा

हिन्दू धर्म के इतिहास के अनुसार शास्त्रो मे बताया गया हैं की कार्तिक के महीने मे कृष्ण त्रियोदशी के दिन समुद्र मंथन हुआ था। इस मंथन मे आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरी जी प्रकट हुये थे। समुद्र मंथन का मुख्य उद्देश अमृत को पाना था। अमृत को लेकर आने वाले देवता कोई और नहीं बल्कि धन्वन्तरी भगवान थे।

उन्होने देवताओ को अमृत पिलाकर उन्हे अमर कर दिया था। धन्वन्तरी भगवान की पुजा-पाठ से उन्हे खुश करके लोग अपनी एवं अपने परिवार की लंबी उम्र और निरोगी स्वास्थ्य की कामना करते हैं।

उनकी पुजा-अर्चना का सबसे उत्तम दिन धनतेरस को माना गया हैं। इसके साथ ही वैदिक देवता यमराज जी का भी पूजन होता हैं। अपने परिवार की रक्षा के लिए, परिवार के लोगो के स्वास्थ कामना के लिए लोग धनतेरस के दिन व्रत रहते हैं। व्रत के बाद यमराज की कथा सुनते हैं। यमराज की कथा आंगे इसी पोस्ट मे नीचे दी गई हैं।

स्कन्द पुराण और पद्मपुराण मे लिखा हुआ हैं की धनतेरस के दिन यमराज की पुजा करनी चाहिए

Dhanteras 2021 के दिन किन बातों का ध्यान रखे?

  1. धनतेरस के दिन धन्वन्तरी जी की पुजा करे, दीपदान करे।
  2. धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदना चाहिए साथ मे सुपड़ा (सुपा) खरीद कर उसी दिन उसकी पुजा करनी चाहिए।
  3. शाम होने के बाद घर मे दीप जालना चाहिए, तथा घर मे या ऑफिस मे दीप जलाना चाहिए, महिलाओ और पुरुषो को शाम के वक्त साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए, और पूजा-पाठ करने के बाद यमराज जी की कथा सुननी चाहिए।
  4. मंदिर, कुआं, नदी के किनारे, गौशाला, तलब और बगीचे मे दीप जालना चाहिए।
  5. यथाशक्ति पीतल, चाँदी, तांबे के बर्तन व आभूषण को खरीदना चाहिए।
  6. व्यवसाय के स्थान मे बैठने के स्थान की गद्दी को जरूर बदले। कुबेर की पूजन  करे।
  7. तिजोरी मे कुबेरयंत्र की पुजा के दौरान तेरह दीपक जलाए। दीपक को जलाने के लिए तिल का तेल इस्तेमाल करे।

FAQ Question About Dhanteras

धनतेरस 2021 कब हैं? Dhanteras 2021 kab hain?

इस वर्ष Dhanteras नवंबर महीने मे पड़ रहा हैं। धनतेरस 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। 02 नवंबर को मंगलवार का दिन हैं, यह धनतेरस मगलवार हनुमान जी का दिन हैं, इस लिए धनतेरस और मंगलवार का योग बहुत ही शुभ हैं।

धनतेरस का सुभ मुहूर्त कब हैं?

धनतेरस तिथि- 02 नवंबर 2021, मंगलवार
प्रदोष काल- शाम 05:35 से 08:11 तक
वृषभ काल- शाम 06:18 से शाम 08:14 तक
धनतेरस 2021 पूजन शुभ मुहूर्त– शाम 06:18 से 08:11 तक

धनतेरस के दिन स्वप्न विचार

  1. अगर Dhanterasके दिन आपको सपने मे कलश दिखाई देता हैं, और कलस किसी पुरुष के हाथ मे हैं तो इसका मतलब हैं की जल्द ही आपको स्वास्थ लाभ होगा। अगर कलश कोई महिला लिए हुये हैं तो इसका अर्थ हैं की जल्द ही आपको धन लाभ होगा।
  2. अगर Dhanteras 2021 के दिन आपको सपने मे गेंह और धान की फसल दिखाई देती हैं, तो यह भी अच्छा संकेत हैं, इसका अर्थ हैं की घर मे जल्द ही धन्य-धान, जमीन, खेत, धन आदि मे वृद्धि होगी।
  3. धनतेरस के दिन सपने मे अगर गहने दिखाई दे तो यह भी उस दिन अच्छा माना जाएगा, हालांकि धनतेरस के अलावा यह सपना अच्छा नहीं माना जाता हैं। Dhanteras 2021 के दिन गहने देखने का अर्थ हैं की जल्द ही रुका हुआ पैसा मिलेगा।
  4. Dhanteras के दिन कमल का पुष्प अगर सपने मे दिखे, तो यह भी अच्छा संकेत हैं, धन लाभ होगा, क्योंकि कमल का संबंध माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों से ही हैं।
  5. अगर dhanteras 2021 के दिन कुलदेवता का दर्शन होता हैं, इसका मतलब हैं की वह आपसे प्रसन्न हैं, जल्द ही कोई खुश खबरी मिलेगी।
  6. धनतेरस 2021 के दिन अगर गाय और बछड़े को देखते हैं, तो यह बहुत ही पवित्र संकेत हैं, की आने वाले दिन मे आपको लाभ एवं शुभ समाचार मिलेंगे।
  7. Dhanteras 2021 के दिन गुलाब, मंदिर, बड़ा महल, स्वस्तिक चिन्ह, अपने दादी-दादी, नाना-नानी देखना शुभ माना गया हैं।
  8. Dhanteras के दिन माता लक्ष्मी के पैरो मे कौड़ियो को चढ़ाया जाता हैं। ऐसा करने से घर मे कभी भी दरिद्रता नहीं आती हैं।
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धनतेरस के दिन सुने यमराज की कथा

प्राचीन काल में श्वेत नाम के एक राजा थे, वह बहुत ही बड़े शिव भक्त थे। राजा श्वेत जब वृद्ध हो गए तो उन्होंने अपना सारा राजपाट अपने पुत्र को दे दिया। इसके बाद वह गोदावरी नदी के किनारे स्थित एक गुफा में शिवलिंग कोई स्थापित करके उनकी आराधना करने लगे। राजा श्वेत को लोग अब महामुनी श्वेत के नाम से जानने लगे थे। जब उनकी मृत्यु का समय आया तो मृत्यु के देवता यमराज ने उनकी आत्मा को लेने के लिए मृत्यु पाश को भेजा। लेकिन महामुनी श्वेत अभी जीवित रहना चाहते थे और अपने प्राण नहीं त्याग रहे थे। श्वेत मुनि यम के दूतो से बचने के लिए महामृत्युंजय का जाप करने लगे। महामृत्युंजय के जप से भगवान महादेव प्रसन्न होकर भैरव बाबा को श्वेत मुनि की रक्षा के लिए भेज देते हैं। भैरव बाबा श्वेत मुनि के आश्रम के बाहर पहरा देने लगे, जब मृत्यु पाश श्वेत मुनि के आश्रम उनके प्राण लेने आया तो भैरव बाबा को देखकर, वह अंदर नहीं आ पाया।

धर्म और नियम से बंधे होने के कारण मृत्यु पाश ने श्वेत मुनि की प्राण लेने की कोशिश की, पर भैरव बाबा ने मृत्यु पाश पर हमला कर उन्हें मूर्छित कर दिया। भैरव बाबा के प्रहार से मूर्छित होकर मृत्यु पाश जमीन पर गिर पड़े और उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु पाश की मृत्यु की खबर जब यमराज ने सुनी तो वह क्रोधित हो गए और अपने भैंसे में बैठकर वह श्वेत मुनि के आश्रम पहुंचे, और भैरव बाबा से युद्ध किया। यमराज ने अपने मृत्यु पाश से भैरव बाबा को बांध लिया। इसके बाद यमराज श्वेत मुनि के प्राण हरने के लिए, श्वेत मुनि की ओर बढ़े। श्वेत मुनि के प्राण हरने के लिए जैसे ही यमराज ने अपने मृत्यु पाश से श्वेत मुनि पर हमला किया, उसी समय श्वेत मुनि ने मृत्युंजय भगवान शंकर को अपनी मदद के लिए पुकारा। उनकी पुकार सुनकर भगवान भोलेनाथ अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ स्वयं आश्रम पर प्रकट हो गए।

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इसके बाद कार्तिकेय भगवान का और यमराज का युद्ध हुआ। भगवान कार्तिकेय के सामने यमराज टिक नहीं पाए, कार्तिकेय के प्रहार से यमराज जमीन में गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई।

 भगवान सूर्य को जब यमराज की मृत्यु का समाचार लगा तो वह विचलित हो गए। ध्यान लगाने पर ज्ञात हुआ कि उन्होंने भगवान शिव की इच्छा के विपरीत श्वेतमुनि के प्राण हरने चाहे थे इस कारण यमराज को भगवान भोले के क्रोध को झेलना पड़ा।

यमराज सूर्यदेव के पुत्र हैं और इस समस्या के समाधान के लिए सूर्यदेव भगवान विष्णु के पास गए। भगवान विष्णु ने भगवान शिव की तपस्या करके उन्हें प्रसन्न करने का सुझाव दिया। सूर्यदेव ने भगवान शिव की घोर तपस्या की जिससे भोलेनाथ प्रसन्न हो गए और उन्हें दर्शन देकर वरदान मांगने को कहा तब सूर्य देव ने कहा कि ‘हे महादेव, यमराज की मृत्यु के बाद पृथ्वी पर भारी असंतुलन फैला हुआ है, पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए यमराज को पुनर्जीवित कर दें’। भगवान शिव ने नंदी से यमुना का जल मंगवाकर यमदेव के पार्थिव शरीर पर छिड़का जिससे वो पुन: जीवित हो गए। इस तरह सभी को मृत्‍यु देने वाले यमराज को जीवनदान मिला।

यमराज कौन हैं?

यमराज सूर्य भगवान के पुत्र हैं, तथा मृत्यु के देवता हैं। इसके साथ ही शनि और यमराज दोनों भाई हैं। यमराज की की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद उन्हे पुनः जीवन मिला। और इसलिए यमराज जी की तरह लोग अपने फिर से स्वस्थ करने की कामना के साथ “यमराज की कथा” सुनते हैं। यमराज जी का वाहन भैंसा हैं, यमराज जी को धर्मराज, काल, यम, वैवस्वत आदि नामो से भी जाना एवं पुकारा जाता हैं। यमराज की जुड़वा बहन भी हैं, इनका नाम यमुना हैं। यह धरती मे नदी के रूप मे बहती हैं।

धनतेरस के दिन कुबेर जी को कैसे खुश करे?

मान्यता हैं की कुबेर जी को पीले रंग का मिष्ठान बहुत ही पसंद हैं, इसलिए धनतेरस के दिन कुबेर यंत्र की पुजा-अर्चना के बाद कुबेर जी को पीला मिष्ठान जरूर चढ़ाये। कुबेर स्रोत का पाठ करे।

माँ लक्ष्मी को कैसे खुश करे?

धनतेरस के दिन माँ लक्ष्मी को कमलगट्टे की माला जरूर चढ़ाये, इससे मटा को प्रसन्नता मिलती हैं, और मांगी गई मनोकमाना को माता पूर्ण करती हैं। इसके बाद लक्ष्मी चालीसा का पाठ करे।

धनतेरस के दिन झाड़ू क्यो खरीदते हैं?

झाड़ू माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता हैं। झाड़ू से घर की गंदगी को दूर किया जाता हैं, अर्थात झाड़ू का इस्तेमाल करके घर की नकारात्मक चीजों को हटाता हैं और घर मे सकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन करता हैं।

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धनतेरस के दिन किसकी पूजा करनी चाहिए?

धनतेरस के दिन गणेश भगवान , माता लक्ष्मी और माता सरस्वती जी की पूजा करनी चाहिए। गणेश जो की बाए, सरस्वती जी को दाए तथा इन दोनों के बीच मे लक्ष्मी माता को विराजमान करे।

ध्यान रहे की Dhanteras के दिन कभी भी पैरो मे खड़ी हुई माता लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो नहीं लेनी चाहिए। जब भी माता लक्ष्मी की फोटो या मूर्ति खरीदे तो बैठी हुई माँ लक्ष्मी को ही खरीदे।

घर की सफाई कब करना चाहिए?

अक्सर लोग घर की सफाई दीपावली के एक दो दिन पहले करते हैं। ये बिलकुल गलत हैं, घर की सफाई धनतेरस के पहले ही हो जानी चाहिए। यानि जब आप धनतेरस की पूजा कर रहे हो तो आपका घर साफ रहना चाहिए।

पटाखे धनतेरस के दिन ना खरीदे?

दीपावली के दिन पटाखे फोड़े जाते हैं, इससे बच्चो को त्योहार के प्रति उत्साह बढ़ता हैं, हालांकि दीपावली के खिलाफ विशेष समुदाय और राजनेतिक पार्टी षणयंत्र के तहत पटाखो पर रोक लगाने की कोसिस मे रहते हैं। जिससे बच्चो का झुकाव इस त्योहार के प्रति खत्म हो जाए। और जब बच्चो का झुकाव इस त्योहार के प्रति खत्म हो जाएगा, तब वो बड़े होकर इस त्योहार को नहीं मनाएंगे। अब मुख्य मुद्दे पर आते हैं।

अगर आप पटाखे फोड़ना पसंद करते हैं तो Dhanteras के दिन पटाखे बिलकुल भी न खरीदे। लोहे की वस्तु भी Dhanteras के दिन नहीं खरीदनी चाहिए।

धनतेरस का इंटरनेट मे बढ़ता प्रभाव

धनतेरस को लेकर पूरे भारत मे बहुत कुछ खोजा जाता हैं, जैसे – धनतेरस कब हैं? धनतेरस कब मनाया जाएगा। धनतेरस मे क्या खरीदना चाहिए, धनतेरस क्यो मनाया जाता हैं?

इसके अलावा व्हाट्सएप मे संदेश को भेजने के लिए करोड़ो लोग dhanteras के wishing संदेश खोजते हैं। और रात से ही dhanteras की शुभ कामनाए अपने सम्बन्धियो को भेजने लगते हैं।

धनतेरस मे मिठाइयो का रंग क्या होना चाहिए?

धनतेरस के दिन ध्यान रहे की कुबेर भगवान को सफ़ेद रंग की मिठाई प्रसाद के रूप मे चढ़ाई जाती हैं, जबकि धन्वन्तरी भगवान को पीले रंग की मिठाई को प्रसाद के रूप मे चढ़ाई जाती हैं। 
 
 

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