हिन्दी कहानी – आज का काम कल पर न छोड़े

हिन्दी कहानी – आज का काम कल पर न छोड़े | Hindi Story- Aaj ka Kaam kal par nahi chhode

यह hindi story ज्ञानवर्धक कहानी हैं, क्योकि यह हमे आलस न करने की शिक्षा देती हैं, जब आप इस hindi story को पढ़ेंगे तो पता चलेगा की यह hindi story एक आलसी सिपाही की हैं, और आलस करने की वजह से उसे नुकसान हुआ।

एक शहर में ताकतवर सिपाही रहता था। वह बहुत बहादुर था। उसके पास एक घोड़ा था वह भी अपने मालिक की तरह ही बहुत ही बहादुर था। एक दिन सिपाही अपने घोड़े पर बैठकर किसी पहाड़ी रास्ते पर जा रहा था। अचानक घोड़े का पैर पत्थर से टकराया और उसकी नाल निकल गई। नाल निकल जाने से घोड़े को बहुत कष्ट हुआ और वह लंगड़ा कर चलने लगा।

सिपाही ने घोड़े का कष्ट तो समझ लिया, परंतु उसको विशेष चिंता नहीं हुई। उसने मन में यह सोचा कि कल मैं घोड़े का नाल फिर से बनवा दूंगा। इस प्रकार आज-कल के चक्कर में कई दिन निकल गए, लेकिन सिपाही ने घोड़े की नाल नहीं बनवाई। घोड़े का कष्ट दूर नहीं हुआ। अचानक देश पर शत्रुओं ने आक्रमण कर दिया। राजा की ओर से सिपाहियों को आज्ञा मिली, कि बिना देर किए हुए युद्ध के मैदान पर, सभी सिपाही पहुंच जाएं।

अब सिपाही क्या करता, इतना समय ही नहीं था कि घोड़े का नाल बंधवा पाता। परंतु लड़ाई पर तो जाना ही था, इसलिए वह उसी लंगड़ाते हुए घोड़े पर बैठा और दूसरे सिपाहियों के साथ युद्ध के मैदान की ओर चल दिया। दुर्भाग्यवश घोड़े के दूसरे पैर का भी नाल निकल गई। पहले वह तीन पैर से कुछ चल भी लेता था, परंतु अब दो पैर से क्या करता। किसी तरह दर्द मे कराहता हुआ आगे बढ़ रहा था, लेकिन घोड़े का चलना अब मुश्किल हो गया। देखते ही देखते शत्रु सामने आ पहुंचा था। उनकी संख्या बहुत ज्यादा थी, उनकी संख्या को देखकर राज्य के समस्त सेना अपनी जान बचाकर भागने लगी।

See also  Hindi Kahani - बैंक मालिक बन गया घोडा हाँकने वाला (Hindi Story Bank Owner ban Gaya Cart Driver)

परंतु वह सिपाही ना भाग पाया। उस सिपाही का लंगड़ा घोड़ा जहां खड़ा था, वही खड़ा रहा। सिपाही ने दुख से हाथ मलते हुए कहा- यदि मैं आजकल के चक्कर में ना पड़ता, और उसी दिन घोड़े के पैरों की नई नाल बंधवा लेता, तो आज मेरे ऊपर यह विपत्ति ना पड़ती।

सिपाही यही सोच ही रहा था, तभी शत्रु सेनाओं ने उसे मार गिराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *