Hindi Kahani- चाणक्य और उनकी माँ (Hindi Story of Chankya aur Unki Maa)

Hindi Kahani- चाणक्य और उनकी माँ (Hindi Story of Chankya aur Unki Maa)

एक बार की बात है की प्रसिद्ध विद्वान चाणक्य की मां अपने घर का कुछ काम कर रही थी। उस समय चाणक्य घर पर नहीं थे, कहीं बालसखा के साथ खेलने के लिए गए हुए थे। उसी समय एक ज्योतिष विद्वान उनके घर आया, उनकी मां ने उन ज्योतिष विद्वान का स्वागत किया और उन्हें बैठने के लिए आसन दिया तथा स्वादिष्ट भोजन करा कर आदर सत्कार किया। इसके बाद यकायक चाणक्य की मां को ख्याल आया कि क्यों ना इन ज्योतिष विद्वान से अपने बेटे चाणक्य की कुंडली पढ़ा ली जाए, इसलिए उन्होंने चाणक्य की कुंडली लाकर ज्योतिष महाराज को दिखाई।

चाणक्य की कुंडली देखकर ज्योतिष विद्वान ने बोला – “हे मां! तेरा पुत्र तो बहुत ही ज्यादा भाग्यवान हैं। बहुत ही ज्ञानी एवं बुद्धिमान होगा और एक दिन वह चक्रवर्ती सम्राट बनेगा।”

ज्योतिष महाराज ने आगे बोला – “मां अगर तुझे मेरी बातों पर भरोसा ना हो तो तू उसके आगे का दांत देखना, उस पर नाग के निशान बने होंगे।”

ऐसा कहकर ज्योतिष विद्वान अपने गंतव्य की ओर बढ़ चले। इधर जब चाणक्य अपने घर लौटे तो माँ ने ज्योतिष विद्वान की बातों की पुष्टि के लिए चाणक्य को अपने पास बुलाया और चाणक्य के दांतो को देखा, चाणक्य की मां को ज्योतिष विद्वान की बातों पर विश्वास हो गया।

अब चाणक्य की मां को चिंता होने लगी कि अगर चाणक्य सम्राट बन जाएगा तो वह उसे भूल जाएगा। उनकी चिंता को देखकर एक दिन चाणक्य ने अपनी मां से उनकी चिंता का कारण पूछा। जिसके बाद चाणक्य को माँ ने सारा वृतांत चाणक्य को बता दिया।

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माँ से सारा वृत्तांत सुनकर चाणक्य ने एक पत्थर उठाया और उस पत्थर से अपनी दांत को तोड़ दिया और मां के सामने रखते हुए बोले – “मां तुम्हारे सामने एक नहीं अनेक सम्राट पद निछावर हैं।”

यह देख चाणक्य की मां रोते हुए, चाणक्य को अपने गले से लगा लिया।

शिक्षा – माँ और पिता हमारे लिए बहुत कष्ट सहते हैं, और समय आने पर हमे भी यूएनआई सेवा करनी चाहिए, और इस hindi kahani मे चाणक्य ने अपने माँ के साथ रहने के लिए और उनकी सेवा के लिए एक त्याग की भावना को दिखाया हैं। यह hindi story आपको कैसी लगी कमेन्ट कर के जरूर बताए।

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