लुइस अल्फ्रेडो गाराविटो, जिसे ‘द मॉन्स्टर ऑफ जेनोवा’ के नाम से जाना जाता है, इतिहास के सबसे भयानक सीरियल किलर्स में से एक है। कोलंबिया, वेनेजुएला और इक्वाडोर में उसने 190 से अधिक बच्चों और किशोरों के साथ न केवल बलात्कार किया बल्कि उन्हें अमानवीय यातनाएं देकर मार डाला। उसके अत्याचार इतने भयंकर थे कि उसे दुनिया भर में खौफ का प्रतीक माना जाता है। गाराविटो को पहले 1,853 साल और 9 दिनों की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में उसकी सजा घटाकर 40 साल कर दी गई।
गाराविटो का जीवन बचपन से ही कठिनाईयों से भरा था। उसका जन्म कोलंबिया में हुआ था, जहाँ उसका बचपन शारीरिक और मानसिक शोषण के साथ गुज़रा। उसके पिता शराबी थे और उन्होंने उसे तथा उसके भाई-बहनों को पढ़ाई छोड़कर कम उम्र में काम करने के लिए मजबूर किया। इसके कारण गाराविटो का मनोविज्ञान बहुत ही विकृत हो गया।
कोलंबिया में दशकों तक चले गृहयुद्ध के दौरान, गाराविटो ने बच्चों की असुरक्षा का फायदा उठाया। वह बच्चों को लुभाने के लिए अक्सर पादरी, किसान, या रेहड़ी-पटरी वाले का भेस धारण करता था। बच्चो को विश्वास में लेकर, गाराविटो बच्चों को दूर ले जाता, जहां वह उनके साथ दरिंदगी करता। उसकी दरिंदगी की कहानी 1990 के दशक के अंत में सामने आई, जब कोलंबिया के अधिकारियों को 25 बच्चों के शव एक सामूहिक कब्र में मिले। सभी बच्चों को पहले यातना दी गई थी और फिर मार दिया गया था। अप्रैल 1999 में, गाराविटो को एक और बच्चे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया और अंततः उसकी गिरफ्तारी हुई।
गाराविटो वैलेडुपर की एक हाई-सिक्योरिटी जेल में बंद है। उसे क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया है और उसकी बाईं आंख में कैंसर भी हो चुका है। वह जेल में बीमारियों से जूझ रहा है।
डॉ. मार्क बेनेके, जो एक फॉरेंसिक वैज्ञानिक हैं, ने गाराविटो का इंटरव्यू लिया था। उन्होंने बताया कि गाराविटो एक मनोरोगी है और उसे अपने अपराधों पर कोई पछतावा नहीं है। गाराविटो ने अपने अपराधों में बहुत सावधानी से बच्चों को फंसाया। वह पहले बच्चों के साथ बहुत नरमी से पेश आता था, उन्हें बहलाता-फुसलाता था, फिर धीरे-धीरे उन्हें अपने जाल में फंसाकर अपनी बर्बरता का शिकार बनाता था।
डॉ. बेनेके के अनुसार, गाराविटो के बचपन की प्रताड़नाएं और शोषण ने उसे मनोरोगी बना दिया। अपने परिवार की उपेक्षा और शारीरिक एवं यौन शोषण ने उसकी मानसिक स्थिति को इस हद तक बिगाड़ दिया कि वह एक निर्दयी अपराधी बन गया। हालांकि, उसकी इस दरिंदगी को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन यह उसके मानसिक विकारों का परिणाम था।
कोलंबिया का सबसे कुख्यात सीरियल किलर लुइस अल्फ्रेडो गाराविटो, जिसे ‘द मॉन्स्टर ऑफ जेनोवा’ के नाम से जाना जाता था, ने अस्पताल में 66 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। गाराविटो ने अपने जीवन के दौरान 190 से अधिक बच्चों की हत्या करने का अपराध स्वीकार किया था, जो इतिहास के सबसे घृणित अपराधों में से एक माना जाता है। उसकी मौत ने कोलंबिया और दुनिया भर में सनसनी फैला दी, क्योंकि वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसकी बर्बरता और निर्दयता ने मानवता को झकझोर दिया था।