2023 अक्टूबर में पंचक कब है | Panchak October 2023

2023 अक्टूबर में पंचक कब है? | 2023 October me Panchak kab hai

अक्टूबर के महीने में दूसरा पंचक 24 अक्टूबर 2023 को मंगलवार की सुबह 04:23 AM से प्रारंभ होगा और 28 अक्टूबर 2023 को शनिवार के दिन सुबह के समय 07:31 AM पर समाप्त हो जाएगा।

  • अक्टूबर में पंचक प्रारम्भ -> 24 अक्टूबर 2023 (सुबह 04:23 AM मिनट से प्रारम्भ होगा)
  • अक्टूबर में पंचक समाप्त -> 28 अक्टूबर 2023 (सुबह 07:31 AM पर समाप्त)

2023 के पंचको की सूची

महीने का नाम कब प्रारम्भ होगा कब समाप्त होगा
जनवरी 2023 में पंचक कब हैं 23 जनवरी 2023 (शाम 05:21 पर) 27 जनवरी 2023 (रात 12: 30 पर)
फरवरी 2023 में पंचक कब हैं 19 फरवरी 2023 (रात 09:33 पर) 24 फरवरी 2023 (सुबह 08:23 पर)
मार्च 2023 में पंचक कब हैं 19 मार्च 2023 (सुबह 09:37 पर) 23 मार्च 2023 (शाम 4:10 पर)
अप्रैल 2023 में पंचक कब हैं 15 अप्रैल 2023 (शाम 05:38 पर) 19 अप्रैल 2023 (रात 11:57 पर)
मई 2023 में पंचक कब हैं 12 मई 2023 (रात 9:43 पर) 17 मई 2023 (सुबह 07:50 पर)
जून 2023 में पंचक कब हैं 09 जून 2023 (सुबह 06:02 पर) 13 जून 2023 (दोपहर 01:32 पर)
जुलाई 2023 में पंचक कब हैं 06 जुलाई 2023 (दोपहर 01:38 PM पर) 10 जुलाई 2023 (शाम 06:59 पर)
अगस्त 2023 में पंचक कब हैं 02 अगस्त 2023 (रात 11:26 पर) 7 अगस्त 2023 ( 1:43AM पर)
अगस्त 2023 मे दूसरा पंचक कब हैं 30 अगस्त 2023 (सुबह 10:19) 3 सितंबर 2023 (सुबह 10:38 पर)
सितंबर 2023 में पंचक कब हैं 26 सितंबर 2023 (शाम 08:28) 30 सितंबर 2023 (रात 09:08)
अक्टूबर 2023 में पंचक कब हैं 24 अक्टूबर 2023 (सुबह 04:23) 28 अक्टूबर 2023 (सुबह 07:31)
नवंबर 2023 में पंचक कब हैं 20 नवंबर 2023 (सुबह 10:07 AM) 24 नवंबर 2023 (शाम 04:01)
दिसंबर 2023 में पंचक कब हैं 17 दिसंबर 2023 (दोपहर 03:45 PM) 21 दिसंबर 2023 (रात 10:09 PM)

पंचक कितने दिन का होता है? | panchak kitane din ka hota hai

पंचायत 5 दिन का होता है इसलिए इसे पंचक कहा जाता है। पंचायत प्रत्येक महीने में आता है जब महीने में धनिष्ठा शतभिषा उत्तराभाद्रपद पूर्वाभाद्रपद और रेवती नक्षत्र आते हैं यह पांचों नक्षत्र एक के बाद एक आते हैं और जितने दिनों तक यह नक्षत्र रहते हैं इतने दिनों तक पंचक होता है।

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पंचक कितने प्रकार का होता है? | panchak kitane prakar ka hota hai

हिंदू पंचांग में पांच प्रकार के पंचक के बारे में बताया गया है। यह पांच पंचक निम्न प्रकार से होते हैं

  • रोग पंचक
  • राज पंचक
  • अग्नि पंचक
  • मृत्यु पंचक
  • चोर पंचक

पंचक किस दिन से प्रारंभ हो रहा है उसके आधार पर तय होता है कि पंचक किस प्रकार का है। यहाँ पर पांचों पंचक के बारे में विस्तार से बताया गया है

  1. जो पंचक रविवार से प्रारंभ होता है उसे रोग पंचक कहते हैं।
  2. जो पंचक सोमवार के दिन से प्रारंभ होते हैं उस पंचक को राज पंचक कहते हैं।
  3. जो पंचक मंगलवार से प्रारंभ होते हैं उसे अग्नि पंचक कहा जाता है।
  4. अगर पंचक शुक्रवार को प्रारंभ हो रहा है तो उस पंचक को चोर पंचक कहा जाता है।
  5. इसी प्रकार यदि पंचक शनिवार के दिन से शुरू होता है तब उस पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।

कौन सा पंचक शुभ होता है? | kaun sa panchak shubh hota hai

पंचक में राज पंचायत अकेला ऐसा पंचक है जो शुभ होता है। जो पंचक सोमवार से प्रारंभ होता है उसे राज पंचक कहा जाता है। यह पंचक दूसरे पंचको की तरह ही 5 दिनों तक चलता है लेकिन इस पंचक में दोष दूसरी पंचक की तुलना में कम लगता है। सरकारी काम से जुड़े हुए कार्यों को राज पंचक में करना शुभ माना गया है, मान्यता है कि सरकारी काम अगर इस पंचक में किए जाएं तो उनमें सफलता मिलती है।

पंचक के किस नक्षत्र में क्या प्रभाव पड़ता है?

  1. अगर पंचक का समय चल रहा है और धनिष्ठा नक्षत्र लगा हो तो इस समय आग का डर बना होता है।
  2. इसी प्रकार पंचक का समय चल रहा हो और शतभिषा नक्षत्र हो तो घर में या फिर दफ्तर में लड़ाई झगड़े का डर बना हुआ होता है।
  3. पंचक का समय हो और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र हो तब उस समय धन हानि का डर बना रहता है क्योंकि उत्तराभाद्रपद में जो दंड मिलता है उसमें धन हानि का प्रावधान है।
  4. इसी प्रकार पंचक के समय पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र हो तो उस समय रोग और बीमारियों का डर बना होता है।
  5. पंचक के समय अगर रेवती नक्षत्र लगा हुआ है तो इसमें भी धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

पंचक में क्या नहीं करना चाहिए? | panchak me kya karna chahiye

  1. अगर पंचक का समय लगा हुआ है तो पंचक में बताए गए निम्न कार्यों को नहीं करना चाहिए
  2. पंचक में भूलकर भी लकड़ी तथा लकड़ी से बने हुए सामान नहीं खरीदना चाहिए उदाहरण के लिए सोफा अलमारी खटिया बेड इसके अलावा रजाई गद्दे भी नहीं खरीदने चाहिए।
  3. पंचक के समय मकान में छत से संबंधित कार्य को नहीं करना चाहिए।
  4. पंचक में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  5. पंचक में शव दाह संस्कार नहीं करना चाहिए।
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पंचक के समाधान | panchak ka samadhan

  1. यदि पंचक में लकड़ी का सामान खरीदना हो तो पंचक समाप्त हो जाने पर गायत्री माता के नाम पर हवन करवाना चाहिए।
  2. अगर पंचक के समय मकान पर छत का कार्य करवाना जरूरी हो तो छत पड़ने के बाद भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करके मजदूर और मिस्त्री यों को मिठाई खिलाना चाहिए।
  3. अगर पंचक काल में पलंग सोफा आदि लेना जरूरी हो तो जरूर खरीद ले पर उसका इस्तेमाल पंचक समाप्त हो जाने के बाद ही करें। इस्तेमाल करने से पहले पलंग में गंगाजल छिड़के और सुगंधित अगरबत्ती लगाए।
  4. अगर पंचक काल में यात्रा करनी जरूरी है तो यात्रा करने से पहले हनुमान मंदिर में प्रसाद के रूप में नारियल जरूर चढ़ाना चाहिए इसके बाद ही यात्रा करें।

पंचक मे संतान का पैदा होना

पंचक एक ऐसा समय होता है जो हर महीने में आता है और इसमें पांच दिन होते हैं. हिंदू धर्म में पंचक को अशुभ माना जाता है और इस दौरान किसी भी तरह के नए काम की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है. हालांकि, कुछ लोग पंचक में बच्चे का जन्म भी अशुभ मानते हैं. लेकिन ज्योतिष के अनुसार पंचक में बच्चे का जन्म अशुभ नहीं होता है. पंचक में बच्चे का जन्म होने से बच्चे के जीवन पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है.

पंचक में बच्चे का जन्म होने से बच्चे को कुछ विशेष गुण भी प्राप्त हो सकते हैं. जैसे कि पंचक में जन्मे बच्चे बुद्धिमान, पराक्रमी और भाग्यशाली होते हैं. वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं.

पंचक की क्या कहानी है

पंचक एक ऐसा समय होता है जो हर महीने में आता है और इसमें पांच दिन होते हैं. हिंदू धर्म में पंचक को अशुभ माना जाता है और इस दौरान किसी भी तरह के नए काम की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है. हालांकि, कुछ लोग पंचक में भी कुछ काम करना शुभ मानते हैं.

पंचक की कहानी महाभारत से जुड़ी हुई है. एक बार अर्जुन किसी युद्ध मे हिस्सा लेने के लिए जाने वाले थे, तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि पंचक एक ऐसा समय होता है जब किसी भी तरह का युद्ध करना अशुभ होता है. भगवान कृष्ण ने कहा कि अगर इस दौरान युद्ध किया जाय तो युद्ध में बहुत सारे लोग मारे जाएंगे और युद्ध का परिणाम भी अच्छा नहीं होगा.

अर्जुन ने भगवान कृष्ण की बात मान ली और पंचक के दौरान युद्ध मे हिस्सा लेने नहीं गए, लेकिन युद्ध पंचक में ही प्रारम्भ हो गया और पंचक मे युद्ध होने की वजह से युद्ध में बहुत में दोनों पक्षो के बहुत से लोग मारे गए और युद्ध में दोनों पक्षो का बहुत नुकसान हुआ। तब से बहुत से लोग पंचक के समय पर किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करते हैं।

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पंचक के दौरान कुछ काम करना शुभ माना जाता है. जैसे कि:

  1. पंचक के दौरान भगवान शिव की पूजा करना शुभ माना जाता है.
  2. पंचक के दौरान दान करना शुभ माना जाता है.
  3. पंचक के दौरान व्रत रखना शुभ माना जाता है.
  4. पंचक के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है.

पंचक के दौरान कुछ काम करना अशुभ माना जाता है. जैसे कि:

  1. पंचक के दौरान शादी करना अशुभ माना जाता है.
  2. पंचक के दौरान गृह प्रवेश करना अशुभ माना जाता है.
  3. पंचक के दौरान कोई भी नया काम शुरू करना अशुभ माना जाता है.
  4. पंचक के दौरान किसी भी तरह का युद्ध करना अशुभ माना जाता है.

क्या पंचक में बाल कटवाना चाहिए या नहीं?

पंचक में बाल कटवाना मुंडन करवाना आदि वर्जित है। इसके अलावा पंचक में सौंदर्य और साजसज्जा से जुड़े सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।

क्या पंचक में गृह प्रवेश किया जाता है?

पंचक काल में गृह प्रवेश भवन का रजिस्ट्रेशन आदि कराना निषेध नहीं बताया गया है। यहां तक कि पंचक काल में वाहन खरीदारी भी की जा सकती है।

डिस्क्लेमर – इस लेख मे दी गई जानकारी इंटरनेट मे मौजूद दूसरी वैबसाइट से आध्यान करके लिखी गई हैं। इस लेख मे दी गई जानकारी की सत्यता की पुष्टि हमारी वैबसाइट meribaate.in नहीं करती हैं। कृपया विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही कोई निर्णय ले।

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