“महात्मा गांधी और गुड़” की कहानी  गांधी जी का पूरा नाम  महात्मा गांधी का जन्म कब और कहां हुआ था  महात्मा गांधी का नाम महात्मा कैसे पड़ा  महात्मा गांधी किस धर्म के थे  महात्मा गांधी की किताबें  महात्मा गांधी की माता का नाम  महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई  महात्मा गांधी के कितने बच्चे थे  महात्मा गांधी के गुरु कौन थे  महात्मा गांधी के पिता का नाम  महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए तीन आंदोलन  महात्मा गांधी पुण्यतिथि

गांधी जी का पूरा नाम | महात्मा गांधी का नाम महात्मा कैसे पड़ा

गांधी जी का पूरा नाम

महात्मा गांधी का पूरा नाम ‘मोहनदास करमचंद गांधी’ था। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे और उन्हें आदर्शता के प्रतीक और अहिंसा के प्रचारक के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर, भारत में हुआ था और उनका निधन 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। उन्हें राष्ट्रपिता (Father of the Nation) और बापू (Bapu) के नाम से भी पुकारा जाता है।

महात्मा गांधी का नाम महात्मा कैसे पड़ा

महात्मा गांधी का नाम “महात्मा” उनके रवीद्र नाथ टैगोर जी के द्वारा रखा गया था। मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें आमतौर पर बापू भी कहा जाता है, उनके पिता का नाम करमचंद था।

“महात्मा” का शब्द गांधी जी को विशेष सम्मान देने के लिए कवि रवीन्द्रनाथ जी के द्वारा प्रयोग किया गया था। टैगोर जी ने गांधी जी को “महात्मा” कहकर सम्मानित किया, जिससे उनके नाम में “महात्मा” शब्द जुड़ गया। इससे पूर्व, गांधी जी को  “बापू” नाम से भी जाना जाता था। बाद में गांधी जी को पूरे देश ने अपने प्रिय नेता को महात्मा के नाम से स्वीकार कर लिया। नहरु जी और सुभाष चन्द्र जी गांधी जी को बापू कहकर संबोधित करते थे।

महात्मा गांधी के पिता का नाम

महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी था। करमचंद गांधी पोरबंदर और राजकोट के दीवान थे। महात्मा गांधी जी के पिता करमचंद गांधी को काबा गांधी के नाम से भी जाना जाता था। करमचंद गांधी के चार संतान में महात्मा गांधी सबसे छोटे बेटे थे। करमचंद गांधी का जन्म जूनागढ़ के कुटियाना गाँव में 1822 में हुआ था। उनके जन्म की तिथि और महिना स्पष्ट नहीं हैं। करमचंद गांधी जी की मृत्यु 16 नवंबर 1885 को हुई थी।

करमचंद गांधी के पिता का नाम उत्तमचंद गांधी और माता का नाम लक्ष्मीबा गांधी था। करमचंद गांधी का समर्थन और मार्गदर्शन गांधी जी की जीवनी और संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जी ने अपने पिता के उदाहरण से अनेक मूल्यवान शिक्षाएँ और सद्गुण सीखे , जिन्हें वे अपने जीवन में अमल में लाने में सफल रहे।

महात्मा गांधी की माता का नाम

महात्मा गांधी की माता का नाम पुतलीबाई गांधी था, पुतलिबाई बहुत ही धार्मिक थी और हिनधु धर्म की मान्यताओ का बहुत ही कठोर पालन करती थी। पुतलीबाइ गांधी का जन्म जूनागढ़ के दतरना में हुआ था। पुतली बाई की शादी जब महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी के साथ हुई थी तब उनकी उम्र 22 वर्ष छोटी थी करमचंद गांधी जी से। महात्मा गांधी की माँ पुतली बाई करमचंद गांधी की तीसरी पत्नी थी। पुतलिबाई गांधी मोहनदास को मोनिया के नाम से पुकारा करती थी। पुतलीबाई की मृत्यु 12 जून 1891 को हुई थी, तब उनकी उम्र लगभग 47 वर्ष की थी।

“महात्मा गांधी और गुड़” की कहानी

यह कहानी गांधी जी के अहिंसा और सत्य के मूल्यों को समझाने के लिए एक उदाहरण के रूप मे कई बार सुनाई जाती है। यह कहानी बच्चों के मध्य पसंद की जाती है और इससे वे गांधी जी के दृष्टिकोण को आसानी से समझ सकते हैं।

See also  भारत का मैनचेस्टर किसे कहा जाता है

कहानी का संक्षेप निम्नलिखित है:

एक दिन, महात्मा गांधी अपने छोटे बच्चों के साथ खेत में विभिन्न विषयों पर बातचीत कर रहे थे। उन्हें बच्चों को सत्य और अहिंसा के महत्व को समझाने का एक उदाहरण देने की आवश्यकता महसूस हुई। इसलिए उन्होंने बच्चों से पूछा, “क्या आपको पता है कि गुड़ क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है?” बच्चों ने अपनी जानकारी बताई कि गुड़ गन्ने के रस का बना हुआ एक मीठा मिश्रण है।

फिर महात्मा गांधी ने बच्चों से एक छोटी सी मिसाल दी। उन्होंने कहा, “देखो, गुड़ को बनाने के लिए गन्ने को बहुत जोर से पीसा जाता है। उसके बाद उसे अग्नि में रख दिया जाता है। फिर वह जलते रस के बीच में आहुति के रूप में डाल दिया जाता है। यह आग उसके सभी अवशेषों को जला देती है, जो कि खुद गन्ने के रस में उपलब्ध होते हैं। इससे हमें गूड मिलता है, जो हमारे लिए मिठा होता है।”

गांधी जी ने बच्चों को समझाया कि जिस रीति से गुड़ के बनने में सभी अवशेष जल जाते हैं, उसी रीति से अहिंसा और सत्य के माध्यम से हमारे मन में कटुता और द्वेष के सभी अवशेष भी नष्ट हो जाते हैं। इससे हम अपने जीवन में मिठास का अनुभव कर सकते हैं और एक शांत, सही और उपयुक्त व्यवस्था में जीवन जी सकते हैं।

यह कहानी गांधी जी के विचारों और उनके अहिंसा और सत्य के मूल्यों को समझाने के लिए एक छोटी सी उपदेश के रूप में जानी जाती है।

महात्मा गांधी के गुरु कौन थे

गोपालकृष्ण गोखले जी महात्मा गांधी जी के राजनीतिक गुरु थे और गोखले जी के छत्रछाया मे ही गांधी जी को राजनीतिक ज्ञान और समाज सेवा में मार्गदर्शन मिला था। गोखले जी ने भी गांधी जी को “महात्मा” कहकर सम्मानित किया था, जिससे उनके नाम में “महात्मा” शब्द जुड़ गया। इसके अलावा कई लोगो का मानना हैं की बाल गंगाधर टिलक भी गांधी जी के गुरु में से एक थे। उन्होंने गांधी जी को राष्ट्रीय उद्दीपना और स्वतंत्रता संग्राम में प्रेरित किया।

महात्मा गांधी किस धर्म के थे

महात्मा गांधी हिंदू धर्म के अनुयायी थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, जो एक वैश्य वर्ग से थे, और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी ने अपने जीवन में हिंदू धर्म के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति बहुत गहरा आदर और समर्पण दिखाया था।

उनके संघर्ष और आंदोलनों में भी हिंदू धर्म के सिद्धांत जैसे अहिंसा, सत्याग्रह, त्याग, सेवा, समरसता, और सामंजस्य के मूल्यों का अनुसरण किया गया था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न अहिंसा और सत्याग्रह के अभ्यास करके विश्वभर के लोगों को प्रेरित किया और उनके नेतृत्व में भारतीय जनता ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। गांधी जी के जीवन में हिंदू धर्म के उच्च सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण ने उन्हें एक महान नेता और साधु के रूप में देश और विश्व के लिए प्रसिद्ध किया।

See also  मगध साम्राज्य का उदय एवं पतन पर टिप्पणी लिखिए।

महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई

महात्मा गांधी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को हुई थी। 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में नथुरम गोडसे के द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या हुई थी। महात्मा गांधी की जब हत्या हुई थी उस समय महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला हाउस मे शाम के समय प्रार्थना करने गए थे। उनके हत्या के 10 दिन पहले भी उन पर जानलेवा हमला हुआ था, लेकिन गांधी जी इस हमले में बालबाल बचे थे।

कुछ इतिहासकारो के अनुसार नथुरम गोडसे ने इसके पहले भी 3 बार महात्मा गांधी जी की हत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन वह विफल रहा।

महात्मा गांधी की मृत्यु किसने की था

महात्मा गांधी की मृत्यु को नाथूराम विनायक गोडसे नामक एक व्यक्ति ने किया था। नाथूराम गोडसे ने गांधी जी को 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिरला भवन में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी जी को इसलिए मारा था क्योंकि गोडसे को लगता था की गांधी जी के अहिंसा और सत्याग्रह की वजह से ही देश का बटवारा हुआ, और आगे भी देश को नुकसान पहुँच सकता हैं।  नाथूराम गोडसे की इस हत्या के बाद, वे गिरफ्तार किए गए और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। नाथुराम गोडसे को 15 नवंबर, 1949 को फांसी में लटका दिया गया था।

महात्मा गांधी के कितने बच्चे थे

महात्मा गांधी के चार बच्चे थे।

  1. हरिलाल गांधी – पहले बेटे हरिलाल का जन्म 1888 में हुआ था। उनका विदेशी व्यापार में रुचि थी। हरिलाल गांधी ने भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभाई।
  2. मनिलाल गांधी – दूसरे बेटे मनिलाल का जन्म 1892 में हुआ था। उन्होंने विदेशी शिक्षा ली और ब्रिटिश स्काउट थे। मनिलाल गांधी ने इंग्लैंड और सोवियत संघ के यात्राएं की।
  3. रामदास गांधी – तीसरे बेटे रामदास का जन्म 1897 में हुआ था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ काम किया और नौसेना में भी सेवा की। वे अख़बार और पत्रिकाएँ भी संपादित करते थे।
  4. देवदास गांधी – चौथे बेटे देवदास का जन्म 1900 में हुआ था। उन्होंने साहित्यिक रचनाएँ की और एक समाचार पत्रिका भी संपादित की।

महात्मा गांधी की किताबें

महात्मा गांधी ने अपने जीवन में कई किताबें लिखीं जो उनके विचारों, सिद्धांतों, और दर्शन को प्रकट करती हैं। कुछ महत्वपूर्ण किताबें निम्नलिखित हैं:

  1. Hind Swaraj – यह गांधी जी की एक प्रमुख पुस्तक है, जिसमें उन्होंने स्वराज्य (स्वतंत्रता) के मुद्दे पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। यह पुस्तक 1909 में प्रकाशित हुई थी।
  2. Vivekananda: His Call to the Nation – इस पुस्तक में गांधी जी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और विचारों पर टिप्पणियाँ की हैं।
  3. From Yeravda Mandir: Ashram Observances in Action – इस पुस्तक में गांधी जी ने स्वयं के अश्रम में अपनी आचरण और विचारों के बारे में लिखा है।
  4. My Experiments with Truth – यह एक आत्मकथा है जिसमें गांधी जी ने अपने जीवन की अनुभवों, प्रयासों, और संघर्षों का सारंश प्रस्तुत किया है।
  5. Constructive Programme: Its Meaning and Place – इस पुस्तक में गांधी जी ने समाज में सामाजिक सुधार और सर्वोदय के मुद्दे पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।
  6. The Problem of the Rupee: Its Origin and Its Solution – इस पुस्तक में गांधी जी ने भारतीय मुद्रा रुपये के मुद्दे पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।
  7. The Vision of the Radio and A Call to Prayer – इस पुस्तक में गांधी जी ने दूरदर्शन और रेडियो के आधार पर विचार प्रस्तुत किए हैं।
See also  आजादी से पहले भारत का नाम क्या था?

यह केवल कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं, और गांधी जी ने अन्य भी कई पुस्तकें लिखीं थीं जो उनके सोच और विचारों को व्यक्त करती हैं।

महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए तीन आंदोलन

महात्मा गांधी ने अपने जीवन में अनेकों आंदोलन चलाए, लेकिन यहां तीन प्रमुख आंदोलनों का उल्लेख किया गया है:

  1. नमक कानून आंदोलन : यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख घटना था। 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी ने सबरमती आश्रम से दंडी जलावतरण तक नमक मार्च (दूरी लगभग 400 किलोमीटर) शुरू किया था। इसके माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश सरकार के उपर नमक कानून के विरुद्ध आंदोलन किया और नमक की उत्पादन और विक्रय पर ब्रिटिश शासन का विरोध किया। यह आंदोलन गांधी जी के सत्याग्रह आन्दोलन का एक महत्वपूर्ण अध्याय था और इससे ब्रिटिश सरकार को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अधिकांश लोगों का समर्थन मिला।
  2. भारत छोड़ो आंदोलन : यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक और महत्वपूर्ण प्रमुख अध्याय था। 8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने इस आंदोलन की शुरुआत की और भारतीयों से ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सभी सरकारी नौकरियों और सरकारी संस्थानों की छोड़ देने का आह्वान किया। इस आंदोलन के दौरान भारत में अनेकों स्थानों पर विद्रोह हुआ और ब्रिटिश सरकार ने कई स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार किया।
  3. खिलाफत आंदोलन : यह आंदोलन एक विशालकाय इस्लामी आंदोलन था जिसमें मुस्लिम समुदाय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ जुड़ा। यह आंदोलन खिलाफत (ओटोमन सल्तनत) के समर्थन में था, जिसे तुर्की खिलाफत के समर्थन में लिया गया था। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन में मुस्लिम भाईचारे का समर्थन किया।

महात्मा गांधी का जन्म कब और कहां हुआ था

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था। पोरबंदर एक छोटा स शहर है जो गुजरात राज्य में स्थित है। वहां गांधी जी का जन्म स्थान स्थानीय महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक है जहां उनके जन्म का स्मृति स्थल है। आज भी पोरबंदर में गांधी जी के जन्म स्थान पर एक स्मृति स्तंभ स्थापित है।

महात्मा गांधी पुण्यतिथि

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, जिसे राष्ट्रीय शोक दिवस (Martyrs’ Day) भी कहा जाता है, 30 जनवरी है। यह दिन महात्मा गांधी की मृत्यु की याद में मनाया जाता है। गांधी जी की हत्या 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिरला भवन में विभाजन के द्वारा हुई थी। इस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में भारत में शोक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *