दादाजी ने गुस्से में अपने पोते से कहा : सारा दिन मोबाइल! फेसबुक, बोर नहीं होता क्या तू ? सारा काम छोड़कर सिर्फ इसी में घुसा रहता है तू चौबीसों घंटे, नालायक कहीं का। ऐसा क्या है उसमें ?
पोता : अरे दादाजी, आप एक काम करो, आप इसमें अपने पुराने मित्रों को ढूँढो, तब पता चलेगा ये क्या चीज है!
दादाजी : अरे, वो सब तो मेरे साथ दसवीं तक पढ़े हैं, उन सबको मेरी याद होगी क्या ?मुझे नहीं लगता।
पोता : अरे, आप एक बार प्रयास तो करो दादाजी!! देखते हैं क्या होता है परिणाम!! और फिर 80 साल के दादा जी का फेसबुक अकाउंट बनाया गया।
आधे घंटे के भीतर पुरुषोत्तम गुप्ता, विश्वनाथ अग्रवाल, गणेश प्रसाद, तिलेश्वर महतो और श्यामलाल यादव इत्यादि इनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट आ गई!
अपने पुराने दोस्तों की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखते ही दादाजी की आँखें चमक उठीं औऱ वे मन ही मन ख़ुशी से झूम उठे!
और फिर वे पोते से बोले- ” अरे, बेटा जरा देख तो, इसमें बबली, कुसुम लता,कलावती, सावित्री, विमला और पूनम अरोड़ा इनका कहीं पता लगता है क्या??????