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गोमेद रत्न के फायदे और नुकसान | gomed stone benefits

गोमेद रत्न का परिचय | gomed stone

ज्योतिष शास्त्र मे रत्नो का विशेष स्थान हैं। ज्योतिष शास्त्र कहता हैं की रत्न जीवन की घटनाओ को प्रभावित करता हैं, तथा जो व्यक्ति रत्न को पहनता हैं, वह जीवन मे होने वाली घटनाओ को नियंत्रित कर सकता हैं और कई प्रकार की आने वाली भविष्य की समस्यायों से बच सकता हैं। आज इस लेख मे हम गोमेद रत्न के बारे मे जानेंगे, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगो का राहू ग्रह भारी होता हैं तथा जिन लोगो को राहू परेशान कर रहा होता हैं, उन्हे गोमेद रत्न धारण करने का सलाह दिया जाता हैं। गोमेद राहू ग्रह से जुड़ा हुआ एक रत्न हैं। ऐसा माना जाता हैं की जो व्यक्ति गोमेद रत्न को धारण करता हैं उसे कई बीमारियो से राहत मिलती हैं तथा आलस से मुक्ति मिलती हैं। तो चलिये आज इस लेख के माध्यम से हम विस्तार से जानेंगे की गोमेद किस तरह से हमारे लिए लाभकारी हैं, तथा गोमेद रत्न के फायदे और नुकसान के बारे मे जानेंगे।

किन राशि वाले लोगो को पहनना चाहिए गोमेद?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कोई व्यक्ति वृषभ, मिथुन, कन्या, कुम्भ और तुला राशि से संबन्धित है तो उसे गोमेद रत्न जरूर धारण करना चाहिए, इन राशि के लोगो के लिए गोमेद शुभ रत्न माना गया हैं। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति के कुंडली मे राहू पहले, चौथे, पांचवे, नवां या दसवें भाव मे हो तो ऐसे लोगो को भी गोमेद रत्न को धारण करना चाहिए। इसके साथ एक आवश्यक बात जरूर ध्यान रखे की बिना किसी ज्योतिष शास्त्री के सलाह के बिना गोमेद को भूल कर भी धारण नहीं करना चाहिए। वरना इससे लाभ कम और नुकसान अधिक हो सकता हैं।

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गोमेद रत्न को कैसे धारण करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन स्वाति, आर्दा या शतभिषा नक्षत्र मे गोमेद को धारण करना शुभ माना गया हैं। और जो बताए गए उक्त समय मे गोमेद को धारण करता हैं उसे अच्छा फल प्राप्त होता हैं। गोमेद रत्न को धारण करने के लिए चाँदी या फिर अष्टधातु से बनी हुई अंगूठी का इस्तेमाल करना चाहिए। धारण करने से पहले अंगूठी को गंगाजल, दूध और शहद के मिले हुये घोल मे एक रात के लिए अंगूठी को डूबा कर रख देना चाहिए। इसके बाद “ॐ रां रावे नमः” मंत्र का जाप करते हुये एक माला का जप करने के बाद ही गोमेद की उस अंगूठी को मध्यमा अंगुली मे धारण करना चाहिए।

गोमेद रत्न के फायदे और नुकसान

  1. ज्योतिष शास्त्र मे बताया गया हैं की अगर कोई व्यक्ति राहू की महादशा से पीड़ित हैं तो उसे गोमेद की अंगूठी पहनने से लाभ होगा।
  2. जो व्यक्ति गोमेद की अंगूठी पहना हैं तो उस पर राहू की टेढ़ी नजर नहीं पड़ती हैं, जिसकी वजह से गोमेद धारण करने वाले के शत्रु कभी उससे नहीं जीत पाएंगे।
  3. गोमेद की अंगूठी को धारण करने वाले व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती हैं, जिससे उसे अपने कार्य मे सफलता मिलती हैं।
  4. अगर किसी व्यक्ति को दिनभर आलस और नींद लगती हैं तो उसे गोमेद रत्न को धारण करना चाहिए, ऐसा करने से उस व्यक्ति का आलस दूर हो जाता हैं।
  5. अगर कोई व्यक्ति बार बार बीमारियो से पीड़ित रहता हैं तो उसे गोमेद रत्न को धारण करना चाहिए, ऐसा करने से उस व्यक्ति को लाभ होगा।
  6. गोमेद रत्ना को धारण करने से व्यक्ति अपने ऊपर प्रभावित राहू के कोप से छुटकारा पा सकता हैं।
  7. इसके अलावा गोमेद शनि के प्रभाव को भी नियंत्रित करने का काम करता हैं।
  8. रुके हुये कार्य या बिगड़े हुये काम पूरे होते हैं, तथा इच्छाशक्ति और मनोबल बढ़ता हैं।
  9. मन मे सकारात्मक विचार आते हैं तथा गुस्सा नियंत्रित होता हैं और मन प्रसन्न रहता हैं।
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किन लोगो को गोमेद रत्न धारण नहीं करना चाहिए?

  1. अगर किसी व्यक्ति के कुंडली मे राहू छठे, आठवे, या फिर बारहवें भाव मे स्थित हैं तो ऐसे व्यक्तियों को गोमेद को धारण करने से पहले एक बार ज्योतिष शास्त्री से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
  2. मेष, कर्क, सिंह, वृश्चित, धनु, मकर और तुला राशि के लोगो के लिए गोमेद रत्न अच्छा नहीं माना गया हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति फिर भी गोमेद रत्न पहनना चाहता हैं तो एक बार उसे अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिष शास्त्री से पढ़वा लेनी चाहिए।
  3. अगर किसी व्यक्ति का स्वभाव राहू से मिलता जुलता हैं तो उसे गोमेद रत्न को धारण नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से गोमेद का प्रभाव उल्टा हो जाता हैं और व्यक्ति को कई तरह की नई परेशनियों को सामना करना पड़ता हैं।
  4. अगर कोई व्यक्ति मूंगा रत्न को धारण किया हुआ है तो उसे फिर भूल कर भी गोमेद रत्न को धारण नहीं करना चाहिए।

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