अमर मोबाइल में एक फोटो देख रहा था, उसके आंखों में आसूं थे, वो अपनी गर्लफ्रेंड पूजा की फोटो देख रहा था। पूजा से वह 3 साल पहले मिला था, पिछले साल उसकी कोरोना से मौत हो गई थी।
अमर उस लड़की से बहुत प्यार करता था। पूजा को यह दुनिया छोड़े पूरे एक साल हो गए है। फिर भी अमर जब भी अकेला होता तो वह उसकी तस्वीर देख कर उसकी यादों में डूब जाया करता था।
अक्सर वो एक साथ ही क्लास में बैठा करते थे, दिनभर फ़ोन में बाते करते थे, पूजा उसका बहुत ख्याल रखा करती थी। एक बार अमर पतंग उड़ाते उड़ाते छत से गिर गया था।
तब अमर कई महीनो तक बिस्तर पर ही रहा उस समय, इस अनजाने शहर में पूजा ही थी, जिसने उसका साथ निभाया, उसकी सेवा का ही परिणाम था की वह ठीक हो पाया।
पर जब पिछले साल पूजा को कोरोना हुआ तो अमर उसके पास नही था, वह पूजा से किसी बात पर नाराज हो गया था, और नौकरी की तलाश में मुंबई से दूर कन्याकुमारी चला गया था, अपने मौसा के यहां।
पूजा उसे अपने तबियत के बारे में व्हाट्स एप करती थी, हॉस्पिटल में भर्ती होने की फोटो भेजा करती थी, पर अमर ने न उन फोटो को देखा करता, न ही रिप्लाई करता था, वह इतना नाराज था की उसने पूजा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। उसने फेसबुक में पूजा को ब्लॉक कर दिया था।
लेकिन एक दिन उसने पूजा की दोस्त रिया का फेसबुक देखा, उसमे पूजा के अंतिम संस्कार की फोटो डाली थी।
यह देख अमर के पैरो से जमीन खिसक गई, उसने पूजा को फोन लगाया पर किसी ने नहीं उठाया। फिर उसने पूजा की फ्रेंड को लगाया, और पूजा के बारे में पूछा, वहां से जवाब आया की अब वो नही रही।
अमर का फोन उसके हाथो से गिर गया। अमर को अब न कुछ दिख रहा था और ना ही सुनाई दे रहा था। उसे अपने ऊपर बहुत गुस्सा लग रही थी। एक पल के लिए उसे लगा की वह खुदकुशी कर ले, पर वह डरपोक की मौत नही मरना चाहता था। तथा उसे पता था की उसकी इस तरह की गलती की सजा उसके माता-पिता को भोगनी होगी। इसलिए उसने खुदकुशी का रास्ता नहीं चुना।
पर उसने अपना जीवन पूजा के नाम कर दिया। उसके जीवन में सिर्फ पूजा थी और रहेगी। वह जब भी अकेला होता हैं तो वो पूजा से बाते करता हैं। लोग कहते हैं की वो पागल हो गया हैं।
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(ध्यान रखे कहानी काल्पनिक हैं)