हिन्दी कहानी – पापा और पत्नी | Hindi Story – Papa and Wife

हिन्दी कहानी – पापा और पत्नी | Hindi Story – Papa and Wife

“यह एक hindi story हैं, जो की पति-पत्नी तथा बहू और बेटी के रिश्तो पर आधारित हैं, इस hindi kahani को जरूर शेयर करे”

राजू एक बैग लेकर घर के अंदर आया तो पूनम ने अपने पति से पूछा की यह बैग किसका हैं? राजू ने पत्नी को कहा की पापा का बैग हैं। यह सुनते ही पुजा बाधक गई, और बोली की अभी अभी तो तुम्हारे पापा आए थे। एक हफ्ता भी उन्हे गए नहीं हुआ हैं और फिर से आ गए। ठीक हैं तुम और तुम्हारे पापा रहो, मैं तो जा रही अपने माइके।

पुजा ने ज़ोर-ज़ोर से बात करने लगी जिससे आवाज बाहर वाले कमरे तक चलि जाए, और पापा उसकी बात सुन ले, और वापस चले जाए।

राजू ने पुजा को धीमे धीमे बोलने की इशारा किया। पर पूजा को कोई फर्क नहीं पड़ा उसने चिल्लाते हुये कहा- की मैं रोज-रोज तुम्हारे पापा-मम्मी को नही खिला पाऊँगी, अगर तुमसे मिलने के लिए वो इतना बेकरार रहते हैं तो तुम ही चले जाया करो उनके घर।

जब देखे यहाँ मुह उठा कर क्यों आ जाते हैं।

तभी राजू ने कहाँ की मेरे पापा नहीं आए हैं, तुम्हारे पापा आए हैं। तुम्हारे भैया ने उन्हे घर से निकाल दिया हैं। मुझे पता चला तो मुझे लगा की अगर मेरे भैया मेरे पापा को इस तरह से निकाल देंगे, तो मुझे बुरा लगेगा, मेरे पापा को भी बहुत दुख होगा, की जिस बच्चे के लिए उन्होने अपनी सारी खुशिया छोड़ कर, अपने बेटे की खुशी को ही अपनी खुशी माना। आज वो अपने पिता को दो टाइम का खाना नहीं दे सकता। इस लिए मैंने तुम्हारे पापा को अपने साथ ले आया, बेचारे वो कहा भटकते, उनके तो एक ही लड़का हैं। यह सुन कर पूजा के होश ही उड़ गए, वह दौड़ते हुये बाहर गई, पर अब देर हो चुकी थी, पूजा के पापा ने सब बाते सुन ली थी। उन्हे बहुत दुख हुआ की बेटी को उन्होने क्या परवरिश दी थी और वो क्या निकली, बेटा मेरे को घर से निकाल दिया और बेटी अपने ससुर को घर से निकालने मे लगी हैं। उन्होने राजू के हाथ से अपना बैग ले लिया, और घर से जाने लगे। बेटी ने अपने पिता को बहुत रोका, पर पिता नहीं रुके।

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तब पूजा को अपने बर्ताव और सोच पर बहुत शर्म आई। उसे अपनी गलती समझ आ गई, वो जो अपने ससुर के साथ करने की कोसिस कर रही थी, वही कर्म पूजा के भाभी ने पूजा के पापा के साथ कर दिया था।

तब पूजा ने कसम खाई की वह लोगो के इस सोच को बदलेगी, और वह हर बेटी को बेटी के साथ-साथ अच्छी बहू बनने की प्रेरणा देगी। तब उसने यह कहानी लिखी जो आप इस समय पढ़ रहे हैं। आइये हम सब उसके इस मिशन को आंगे बढ़ते हैं और इस कहानी को दूसरों तक शेयर करते हैं।

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