Hindi kahani गुझिया किसने खाई – ज्ञानवर्धक Hindi Story (Ajeet Sir)

Hindi kahani गुझिया किसने खाई – ज्ञानवर्धक Hindi Story (Ajeet Sir)

रामू की बहन रिंकि आज अपने ससुराल जा रही थी। इसलिए घर मे उसके विदा की तैयारी हो रही थी। रिंकि को गुझिया बहुत पसंद था। इस लिए रिंकि की माता ने रिंकि के लिए शुद्ध खोवे के बने गुझिया बनाए। और 50 गुझिया एक बड़े डब्बे मे बंद करके रख दिये।

और जब रिंकि जाने लगी तो घर के नौकर ने सभी समान के साथ गुझिया का डब्बा भी रिंकि की गाड़ी मे रख दिया। रिंकि जब ससुराल पहुंची तो उसने सोचा की क्यो ना माँ के बने हाथ के गुझिया ससुराल वालों को भी खिलाया जाए। उसने गुझिया का डब्बा खोला तो डब्बे को देख कर रिंकि दंग रह गई। डब्बे मे केवल 4 गुझिया ही मात्र थी।

रिंकि को तजुब हुआ की अरे ये क्या, बाकी गुझिया कहाँ गई। उसका पहला शक अपने भाई रामू पर ही गया। घर मे वही एक व्यक्ति इस समय हैं जो सबसे ज्यादा चटोरा हैं। यह सोच कर रिंकि को लगा की रामू भाई ने ही गुझिया चट कर दिये हैं। इस लिए रामू से पुछना भी जरूरी नहीं समझा गया। इधर घर मे माँ और बड़ी बहन को भी पता चल गया की गुझिया खा लिए गए हैं, और सबको शक रामू पर गया। रामू के जीजा जी को भी पता चला की रामू ने बड़ी तादाद मे गुझिया अकेले अकेले खा लिए हैं तो उन्हे बहुत दुख हुआ की रामू ने गुझिया खाते वक्त अपने जीजा को याद भी नहीं किया।

अब रामू की तीनों बहनो ने उस पर आरोप लगा कर उसे डांट दिया, रामू ने मना किया की उसने गुझिया नहीं खाये हैं। पर किसी ने भी उसकी बात नहीं मानी। माता-पिता और बड़े भैया ने भी रामू को कसूरवार मान कर उसे ही चोर साबित कर चुके थे। हालांकि सभी लोग यह भी मान रहे थे की अगर रामू खाया होता तो वह बता देता। लेकिन गुझिया की तो चोरी हुई थी और किसी न किसी ने तो किया था। इसलिए सारा दोष रामू पर लग गया।

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एक दिन रामू की माता जी पड़ोसी के यहाँ सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने गई थी। तब वहाँ एक चरवाही (गाय चराने वाली) महिला मिली, उसने बताया की -“पंडिताइन एक बात बताना हैं आपको।”

रामू ने माँ ने कहा – “बताइये काकी जी, क्या बताना हैं आपको?”

चरवाही ने कहा- “जिस दिन आपके बेटी रिंकि अपने ससुराल जा रही थी। उस दिन मैने परशोती काका को गाड़ी मे रखे एक डब्बे से कुछ निकाल कर झोले मे रखते देखा था।”

यह सुन उस समय रामू की माँ ने कुछ नहीं कहा और घर आ गई और पूरी घटना अपने बेटियो एवं लड़को को बताया। यह सुन उस दिन सबको पछतावा हुआ।

शिक्षा – शंका इस दुनिया की सबसे बुरी चीज हैं, जब तक आप अपनी आंखो से ना देख ले तब तक किसी बात पर विश्वास न करे। कई बार कानो से सुना और आंखो से देखा सही नहीं होता हैं।

 

यह Hindi Story पंडित अजीत मिश्रा सर ने लिखी हैं, सर कम्प्युटर एप्लिकेशन और इतिहास के विशेषज्ञ हैं। यह Hindi Story आपको कैसी लगी जरूर बताए। ऐसी ही ज्ञानवर्धक कहानियों के लिए हमारी वैबसाइट मे आते रहे।

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