mastram ki kahani aur Hindi Story

मस्तराम की कहानी 2022 – पढ़कर मजा आ जाएगा (Best New Mastram ki Kahani)

Mastram ki Kahani : बहुत पुरानी बात हैं रामपुर नाम के एक नगर में एक व्यस्त चौराहा था। यहां बहुत भीड़ रहती थी। यहां पर खाने पीने की कई दुकानें थी, इसके अलावा बहुत सारे ठेले भी यहां पर लगा करते थे। रोज शाम को यहां भीड़ लग जाया करती थी, सभी नगरवासी यहां सब्जियां खरीदते इसके बाद बच्चो संग खाने के बाजार मे घूम घूम कर अपनी मनपसंद चीजे खाते थे। इसी चौराहे में मस्तराम (mastram ki kahani) का समोसे का ठेला भी लगा करता था। यह मस्तराम की कहानी हैं।  मस्तराम के समोसे पूरे नगर में प्रसिद्ध थे। एकबार एक व्यापारी दमड़ीलाल व्यापार के चक्कर मे यहाँ आया। उसने देखा की  नगर के चौराहे पर हर समय भीड़ लगी रहती हैं और खासकर मस्तराम के समोसे के ठेले मे सबसे ज्यादा भीड़ लगी रहती हैं। वह भी रामपुर नगर मे व्यापार शुरू करना चाहता था। इसलिए मस्तराम की समोसे की तरह उसने भी समोसे का व्यापार शुरू करने का निश्चय किया। और जल्दी ही उसने मस्तराम के ठेले के सामने, अपना ठेला शुरू कर दिया। दमड़ीलाल ने अपने समोसे मे कई विशेष मसाले मिलाया करता था, जिसकी वजह से उसके समोसे ज्यादा स्वादिष्ट होते और धीरे धीरे रामपुर के लोग दमड़ीलाल के समोसे खाने लगे। लेकिन मसालो की बजह से समोसे की कीमत बढ़ रही थी, इस लिए दमड़ीलाल ने समोसे को तलने के लिए सस्ते तेल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। 

मजेदार हिन्दी कहानी को पढ़ने लिए हमारे Android एप को जरूर इन्स्टाल करे (Google Play)

सस्ता तेल इस्तेमाल करने की वजह से दमड़ीलाल को काफी मुनाफा हो जाया करता था। उसके दुकान मे लोग टूट कर आया करते थे। देखते ही देखते उसने मस्तराम की कहानी खत्म कर दी, यानि की मस्तराम के समोसे अब कोई नहीं खाने जाता था, सब के सब दमड़ीलाल के समोसे ही पसंद करते थे। जो अनजाने मे रामपुर आता, वह भी मस्तराम के  ठेले मे नहीं जाता, बल्कि भीड़ देख कर दमड़ीलाल के ठेले मे ही जाता। जो भी दमड़ीलाल के समोसे खाता, वह बिना तारीफ किए नहीं रह पता था। दमड़ीलाल की वजह से मस्तराम के सारे ग्राहक उसके हाथ से निकल गए थे और सब के सब अब दमड़ीलाल के ग्राहक बन गए थे। इस लिए मस्तराम भी जानना चाहता था की आखिर दमड़ीलाल के समोसे मे ऐसा क्या हैं, जो सालो पुराने उसके नाम और प्रतिष्ठा को लोग भूल गए और दमड़ीलाल के समोसे पसंद करने लगे। 

See also  Hindi Kahani - दो ज्ञानवर्धक हिन्दी कहानी (Two Hindi Story of Morals)

इसलिए मस्तराम ने रूप बदल कर एक दिन उसके ठेले मे गया और वहाँ से कुछ समोसे लेकर वापस अपनी ठेले मे आ गया। जैसे ही उसने दमड़ीलाल के समोसे को चखा उसे सारा मामला समझ मे आ गया। दमड़ीलाल अपने समोसे मे एक प्रतिबंधित मसाला मिलाया करता था, यह मसाला चीन से आया करता था। इस मसालो को अगर सड़े हुये खाने मे भी अगर मिला दिया जाए तो, खाना स्वादिष्ट लगने लगता हैं, इसके अलावा मस्तराम ने ये भी पाया की समोसे को सस्ते और मिलावटी तेल से तला गया हैं। इस स्वाद को वह पहचानता था, धोखे से एक बार उसने भी इस तेल को लाया था, पर अगली बार उसने अपनी गलती सुधार ली थी। क्योंकि मस्तराम खाने पीने मे किसी भी प्रकार की मिलावट पसंद नहीं करता था, वह पूरा व्यापार ईमानदारी से किया करता था। 

मस्तराम की कहानी फिर से चालू होती हैं। अगले दिन मस्तराम ने अपने ठेले मे समोसे के अलावा कुछ दवाइया भी रख ली। जैसे ही लोग दमड़ीलाल के यहाँ समोसे खाने आने लगे, तब मस्तराम ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा- “यहाँ पर पेट दर्द, सिर दर्द और उल्टी की गोली भी मिलती हैं। आजाइए, आ जाइए।” लोगो ने मस्तराम को दवाइयां बेचते देखा तो हैरत मे आ कर उसके पास खड़े हो गए, और उससे पूछने लगे की तुम समोसे बेचा करते थे, ये दवाइयाँ कब से बेचने लगे। मस्तराम ने कहा की आप लोगो के लिए ही समोसे बेचा करता था, अब आप लोगो के लिए ही दवाइयाँ बेच रहा हूँ। अगर आप लोग दमड़ीलाल के समोसे ऐसे ही खाते रहे तो जल्दी ही आप लोग बीमार पड़ोगे। इसलिए ये दवाइयाँ आप लोगो के लिए ही बेच रहा हूँ। 

See also  दक्षिण भारत की लोकप्रिय हिन्दी कहानियाँ - सुनहरा पंख | Hindi Story - Golden Wings

लोगो ने आश्चर्य से पूछ की ऐसा क्या हैं दमड़ीलाल के समोसे मे जिसे हम खाकर बीमार पड़ जाएंगे। तब मस्तराम ने भीड़ को बताया की कल वह दमड़ीलाल का समोसा खाया तो उसमे ऐसे मसाले मिले हैं, जो की प्रतिबंधित हैं। जिनहे खाने से घातक रोग होते हैं। दमड़ीलाल सस्ते तेल से आप लोगो के लिए समोसे बना रहा हैं, वह बाहरी हैं, वह सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए आया हैं, कल कुछ ऊंच-नीच हो जाने पर वह रफू चक्कर हो जाएगा। 

तभी वहाँ पर मौजूद एक आदमी न कहा की मस्तराम सही कह रहा हैं, जब से मैंने दमड़ीलाल का समोसा खाना चालू किया हैं, तब से मुझे सर दर्द होने लगा हैं। तभी एक महिला ने भी कहा, हाँ ये बात सही है, कल मेरा पप्पू भी उल्टी कर रहा था। धीरे धीरे, सबको महसूस हुआ की कुछ दिने से सबके स्वास्थ पर दमड़ीलाल के समोसो का कुछ न कुछ असर हुआ हैं। 

सभी लोग दमड़ीलाल के ठेले मे पुलिस के साथ वहाँ पहुचे, जब पुलिस ने वहाँ जांच किए तो पता चला की दमड़ीलाल प्रतिबंधित मसालो और मिलावटी तेल का इस्तेमाल करके लोगो को समोसे बना कर खिला रहा था। पुलिस ने उसी समय दमड़ीलाल को गिरफ्तार कर लिया। और लोगो ने मस्तराम को धन्यवाद दिया। और फिर से सभी लोग मस्तराम के यहाँ ही समोसे खाने लगे। 

मस्तराम भी खुशी खुशी से अपना व्यापार ईमानदारी से करता रहा। 

Mastram ki Kahani और Hindi Story पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करे

  1. Hindi Kahani – कार का मालिक और एक ज्ञानी वक्ता (Hindi Story of Car Driver)
  2. Hindi Kahani – एक राजा और उनके हितैसी की सच्चाई (Hindi Story of Raja and His Supporter)
  3. Hindi Kahani – स्वामी विवेकानंद और पंडित शिवराम (Hindi Story- Swami Vivekanand aur Pandit Shivram)
  4. Hindi Story – पिता, पुत्र और संगत का असर (Hindi Kahani Pita Putra aur Sangat ka asar)
  5. Hindi Story – दो मजेदार लघु कहानियाँ
  6. Hindi Story – घमड़ी पेड़ और तुच्छ झाड़ियाँ

3 comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *