पुराने समय में एक राजा को युद्ध करने का बहुत शौक था। जब वह युद्ध में जाता था तो उसके साथ खाने-पीने का इतना सामान होता था कि उन्हें ले जाने के लिए 300 से ज्यादा हाथियों की जरूरत पड़ती थी।
एक बार राजा युद्ध में गया तो सामने वाला शत्रु उस पर भारी पड़ गया। शत्रु ने राजा को हरा दिया और उसे नजरबंद कर दिया। राजा के सभी हाथियों को दूसरे राजा ने जब्त कर लिया।
राजा अब कैदियों की तरह रह रहा था। एक दिन राजा का पुराना रसोइया किसी तरह उससे मिलने पहुंचा। रसोइये को देखकर राजा बोला, ‘मुझे बहुत भूख लगी है, क्या तुम मेरे लिए खाना बना दोगे?’
रसोइया किसी तरह राजा के लिए रोटी और थोड़ी सी सब्जी का प्रबंध करके आ गया और ये खाना एक छोटे से बर्तन में लेकर राजा के पास पहुंचा। रसोइये ने खाना राजा के सामने रख दिया। राजा बर्तन उठाता, उससे पहले एक कुत्ता वहां पहुंच गया और उसने बर्तन में मुंह डाल दिया।
बर्तन का मुंह छोटा था। इस वजह से कुत्ते का मुंह बर्तन में फंस गया और डर की वजह से कुत्ता वहां से बर्तन लेकर भाग गया। ये देखकर राजा को हंसी आ गई।
रसोइया ये सब बड़े ध्यान से देख रहा था। राजा को हंसते देखकर उसने पूछा, ‘आप इस तरह हंस क्यों रहे हैं? बड़ी मुश्किल से मैं आपके लिए खाना लाया था, आपको बहुत दिनों के बाद थोड़ा अच्छा खाना मिला था और वह एक कुत्ता लेकर भाग गया, आप हंस रहे हैं।’
राजा ने कहा, ‘मैं ये सोचकर हंस रहा हूं, कभी मेरा खाना ले जाने के लिए 300 से ज्यादा हाथियों की जरूरत होती थी और आज एक कुत्ता मेरा खाना लेकर भाग गया है।’
सीख – हालात कब बदल जाएं, कोई कह नहीं सकता। इसलिए जब मुश्किल समय आए, तब भी हमें हंसते हुए हालात का सामना करना चाहिए। हंसते रहने से दुखों को कम किया जा सकता है।